बचत कैसे की जाए? आप इस आर्टिकल में यह जानेगें। बचत करने के कौन-कौन से तरीके हैं, जिन्हें अपना कर आप आसानी से अपनी बचत कर सकते हैं।
बचत कैसे की जाए? आज के समय में यह बहुत ही महत्वपूर्ण एवं ज्वलंत मुद्दा है क्योंकि हर व्यक्ति जो पैसा कमा रहा है वह अपने भविष्य या इमरजेंसी के लिए कुछ ना कुछ बचत अवश्य करना चाहता है। परंतु उस से बचत नहीं हो पाती है। हम आप सभी अक्सर यह कहते हैं कि चलो ठीक है इस महीने नहीं अगले महीने से कर लेंगे, अगले महीने नहीं अगले महीने से कर लेंगे और इन्हीं सबके चलते हम बचत नहीं कर पाते हैं, जो आपके जीवन में बहुत ही जरूरी है। यहाँ आप यह जानेंगे कि कैसे छोटी-छोटी बातों को अपना कर हम आप अपनी बचत की शुरुआत कर सकते हैं।
खाते से पैसा स्वतः कट जाए।
आपकी मासिक सैलरी या आय जिस खाते में आती है, उस खाते में आप ऐसी व्यवस्था करें कि जहां पर आप मासिक रूप से अपनी बचत जमा करते हैं, वहां पर ऑटोमेटिक पैसा कट के जमा हो जाए। जैसे लोन की इ एम आई और निवेश आदि बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट हो जाते हैं। इसके लिए आपको बैंक में जाकर या नेट बैंकिंग का सहारा लेकर आप ई सी एस कर सकते हैं। यह व्यवस्था आपके खाते में उपलब्ध होती है। सभी बैंक की व्यवस्था उपलब्ध कराती हैं।
अपना महीने भर का बजट बनाएं।
यह बहुत ही जरूरी है कि हमें यह मालूम होना चाहिए कि हमको प्राप्त होने वाली मासिक आय या सैलरी का पैसा कहां-कहां खर्च हो रहा है। इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि हम अपना बजट बनायें।
बजट बनाने से हमें यह आसानी से पता चलता रहेगा कि क्या हमको प्राप्त होने वाली मासिक आय या सैलरी से हमारे सभी खर्चे पूरे हो पाएंगे कि नहीं हो पाएंगे, यदि खर्चे पूरे नहीं हो पाएंगे तो हमें क्या करना होगा? या हम इस महीने क्या नया खरीदने वाले हैं? या फिर सभी खर्चे पूरे होने के बाद क्या हमारे पास पैसा बचेगा?
इस प्रकार निश्चय ही अपने बजट को बनाने के बाद आप आसानी से बचत कर सकते हैं।
फिजूल खर्ची से बचें।
एक बार जब आप बजट बना लेते हैं तब आपको यह पता चल जाता है कि आपके लिए क्या जरूरी है और क्या नहीं जरूरी है। बजट से उन खर्चों के बारे में भी जानकारी मिल जाती है जो आवश्यक नहीं होते हैं। बजट से आप फिजूल खर्जी पर रोक लगा सकते हैं। फिजूलखर्ची पर लगाई गई रोक अंततः बचत को बढ़ावा देती है
बचत करने की आदत डालें।
आप बचत करने की आदत डालें। इसे शुरुआत में अनुशासन के रूप में अपनाएं और यह स्व अनुशासन ही बाद में कुछ समय पश्चात आपकी आदत के रूप में परिवर्तित हो जाएगा फिर आपको कोई परेशानी नहीं होगी। जब बचत आपकी आदत में एक बार शुमार हो जाती है तो ऑटोमेटिक बचत होती रहती है। आपको फिर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी। आपका मस्तिष्क आपको उसी हिसाब से गाइड करता रहता है।
स्मार्ट खरीददारी करें।
यहां पर स्मार्ट खरीददारी का अर्थ यह कतई नहीं है कि आप ऑनलाइन शॉपिंग करें। यहां पर स्मार्ट खरीददारी का अर्थ यह है कि आप अपने महीने भर का राशन का सामान एवं अन्य जरूरी सामान की लिस्ट बनाएं और उसको किसी थोक दुकान से खरीदें। इससे कम से कम आपका 10%-20% पैसा बचेगा। सब्जी इत्यादि आप सब्जी मंडी से खरीदें। वर्ष भर के लिए खाने का सामान जैसे गेहूं, चावल और दाल आदि सीजन पर किसी गाँव की बाज़ार या मंडी से खरीदें और इसे स्टोर कर लें। इस से आपको न सिर्फ सामान ही सस्ता मिलेगा बल्कि बार-बार सामान खरीदने के लिए आपको जाना भी नहीं पड़ेगा। बार-बार सामान खरीदने के लिए जाने से समय तो बर्बाद होता ही है साथ ही आने जाने में पैसा भी खर्च होता है। यह खर्च थोड़ा-थोड़ा होता है लेकिन यदि इसकी बचत की जाये या कहीं लिखा जाये तो आपको पता चलेगा कि आपने वास्तव में कितना खर्च किया।
साइड इनकम करें।
हमारे देश में सामान्य तौर से 9:00 से 6:00 का समय ऑफिस का समय होता है। उसके बाद हम फ्री रहते हैं। शाम को 6:00 से 9:00 बजे तक का समय किसी अन्य काम में लगा सकते हैं, जहां से हमको कुछ ना कुछ आय होती रहेगी। हमारी आम मानसिकता होती है कि हम 6 बजे के बाद कुछ भी नहीं करते हैं, सिर्फ फालतू की चीजों में समय बर्बाद करते हैं। हमें चाहिए कि इस समय को अच्छे काम में लगायें और कुछ साइड इनकम के लिए स्रोत पैदा करें।
ऑनलाइन शॉपिंग कम करें।
वैसे तो आज के समय में ऑनलाइन शॉपिंग का फैशन सा हो गया है, जरूरत सी हो गई है। परंतु मेरा यहां पर ऑनलाइन शॉपिंग कम करने का उद्देश्य मात्र इतना है कि पहले जब हम मार्केट जाते थे तो हम तभी सामान खरीदते थे अर्थात् हम प्रतिदिन मार्केट नहीं जाते थे। महीने में या सप्ताह में एक बार मार्केट जाते थे और सामान खरीद कर लाते थे। इस से हमारा जो भी खर्च होता था, महीने में या सप्ताह में एक बार होता था, परंतु वर्तमान समय में ऑनलाइन शॉपिंग आने से हम 24 घंटे में किसी भी समय शॉपिंग कर सकते हैं। इससे खर्च करने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है और सेविंग कम हो जाती है। वह सभी खर्च कम करें या समाप्त करें जिन्हें आप काम कर सकते हैं।
स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
“Health is wealth – हेल्थ इस वेल्थ”
हेल्थ इस वेल्थ एक पुरानी कहावत है। यदि आपका स्वास्थ्य अच्छा है, तो आपकी पैसे की बचत होगी, नहीं तो स्वास्थ्य अच्छा न होने की स्थिति में आपको अपने स्वास्थ्य को सही करने के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ेगा, अस्पताल जाना पड़ेगा। जिसमें आपका पैसा खर्च होगा। इसके लिए यह जरूरी है कि आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे और स्वास्थ्य अच्छा रहने के लिए आप योग, एक्सरसाइज तथा मेडिटेशन आदि कर सकते हैं। अपने खाने पर भी विशेष ध्यान रखें। पर्याप्त नींद लें। इससे आपको न सिर्फ मानसिक शांति एवं खुशी मिलेगी, अपितु आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। जिससे स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च भी स्वयं काम हो जाएगा। कम खर्च बचत को बढ़ावा देता है।
महिलाएं आसानी से बचत कर सकती हैं।
वैसे तो वर्तमान में किसी भी मामले में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं फिर चाहें वह कमाने के लेकर ही क्यों न हो। पुरुष व महिलाओं में कोई अंतर नहीं रह गया है, परंतु यह सामान्य रूप से पाया गया है कि जिन घरों की महिलाएं कामकाजी नहीं होती हैं। वह अपने घर में रहती हैं और घर की जरूरत के बारे में उनसे ज्यादा अच्छा उनके पति भी नहीं जानते हैं। ऐसी स्थिति में घर के खर्चों को नियंत्रित करने में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है। वह अपने खर्चों को नियंत्रित करके अपनी बचत कर सकती हैं। यह उनके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है जिनके घरों में मात्र पुरुष ही कमाते हैं।
लक्ष्य के अनुसार बचत करें।
यह देखा गया है कि जब आप अपने लक्ष्य तय कर लेते हैं तबआप उसी अनुसार कार्य करना शुरू कर देते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप सर्वप्रथम अपने वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें कि आप के क्या-क्या लक्ष्य हैं जिन्हें आप कब-कब पूरा करना चाहते हैं। एक बार जब आप लक्ष्य तय कर लेते हैं तब आप उसी अनुसार बचत भी आसानी से शुरू कर सकते हैं।
इस प्रकार आप छोटी-छोटी बातें अपनाकर अपनी बचत की शुरुआत कर सकते हैं जो निश्चय ही आपके सपनों को साकार करने में मददगार होंगी।
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