आप सभी अभिभावकों एवं माता-पिता के मन में यह प्रश्न जरूर उठता है कि एनपीएस वात्सल्य योजना में निकासी के क्या नियम हैं? जिसका जवाब इस पोस्ट में है.

अभिदाता (बच्चे) की शिक्षा, विनिर्दिष्ट बीमारियों के उपचार एवं 75% से अधिक विकलांगता अथवा विनियमों के अंतर्गत अल्पवयस्क अभिदाता के हित में पीएफआरडीए द्वारा निर्धारित अन्य कारणों के आधार पर एनपीएस योजना के अंतर्गत आंशिक निकासी के लिए प्रावधान किए गए हैं.

एनपीएस वात्सल्य योजना के अंतर्गत आंशिक निकासी खाता खोलने की तिथि से न्यूनतम 3 वर्ष के बाद अभिदाता के अंशदान के 25% तक आंशिक रूप से आहरण करने की अनुमति होगी.

अभिदाताओं (बच्चों) के 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक अधिकतम तीन बार ही निकासी की सुविधा का प्राविधान है.

अल्पवयस्क अभिदाता (बच्चे) की मृत्यु होने पर, संपूर्ण संचित राशि का भुगतान अभिभावक को कर दिया जाएगा.

खाते में पंजीकृत अभिभावक की मृत्यु होने पर, पीएफआरडीए द्वारा समय-समय पर जारी नियमों के अंतर्गत केवाईसी दस्तावेज को जमा करके अल्पवयस्क अभिदाता (बच्चे) की ओर से अन्य अभिभावक को पंजीकृत किया जाएगा.

माता-पिता दोनों की मृत्यु के मामले में, विधिक रूप से नियुक्त अभिभावक उस खाते में अंशदान करने के साथ या उसके बिना भी खाते को जारी रख सकते हैं और अभिदाता (बच्चे) द्वारा 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर, अभिदाता (बच्चे) के पास योजना को जारी रखने या उससे निकासी का विकल्प होगा.

अभिदाता (बच्चे) को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर निकासी की अनुमति दी जाएगी. ऐसी निकासी पर, खाते में उपलब्ध संचित राशि का कम से कम 80 % वार्षिकी की खरीद के लिए उपयोग किया जाएगा और शेष राशि का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा.

यदि खाते में उपलब्ध संचित राशि 250000 रुपये या उससे कम है, या सूचीबद्ध वार्षिकी सेवा प्रदाताओं (एएसपी) से वार्षिकी की खरीद उपलब्ध नहीं है, तो अभिदाता के पास संपूर्ण संचित राशि को वापस लेने का विकल्प होगा.