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ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड : Meaning, Returns, Taxation – 1 New Concept in India !

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड की Meaning, Returns और Taxation आदि से सम्बंधित विस्तृत जानकारी इस आर्टिकल में आपके लिए दी गयी है.

ARBITRAGE FUND

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड क्या है?

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है जो अलग – अलग मार्केट में प्राइस डिफरेंस का लाभ उठाकर मुनाफा कमाने की कोशिश करता है. यह फंड शेयर मार्केट की अस्थिरता से लाभ उठाने का प्रयास करते हैं. आर्बिट्रेज फंड मुख्यतः इक्विटी और इक्विटी से संबंधित डेरिवेटिव्स में निवेश करते हैं.

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड की प्रमुख विशेषताएं:

1. लो रिस्क: ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड का रिस्क स्तर अन्य इक्विटी फंड्स की तुलना में लो होता है, क्योंकि यह मार्केट के उतार-चढ़ाव से अधिक प्रभावित नहीं होते. यह फंड मार्केट के विभिन्न सेगमेंट्स में प्राइस डिफरेंस का लाभ उठाते हैं.

2. स्थिर रिटर्न: चूंकि ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड मार्केट के उतार-चढ़ाव के बजाय प्राइस डिफरेंस पर ध्यान केंद्रित करते हैं, इसलिए यह फण्ड तुलनात्मक रूप से स्थिर और मध्यम रिटर्न प्रदान कर सकते हैं.

ARBITRAGE FUND

3. लिक्विडिटी: ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड ओपन-एंडेड होते हैं, जिसका अर्थ यह है कि निवेशक अपनी आवश्यकता के अनुसार इनमें कभी भी प्रवेश कर सकते हैं या इनसे कभी भी बाहर निकल सकते हैं.

4. टैक्स बेनिफिट : ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड को टैक्स बेनिफिट प्राप्त हो सकता है क्योंकि इन्हें इक्विटी फंड के रूप में माना जाता है. यदि निवेशक 1 वर्ष से अधिक समय तक निवेशित रहते हैं, तो रिटर्न पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (LTCG) लागू होता है, जो कि अन्य फंड्स की तुलना में कम होता है.

5. कम रिस्क वाली रणनीति: ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड एक ही सिक्योरिटी को एक मार्केट में खरीदते हैं और दूसरे मार्केट में बेचते हैं. यह एक लो-रिस्क रणनीति मानी जाती है, क्योंकि यह मार्केट के उतार-चढ़ाव पर निर्भर नहीं होती.

6. ब्याज दर की संवेदनशीलता: ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड की संवेदनशीलता ब्याज दर में बदलाव के प्रति कम होती है, जिससे यह फंड निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन सकता है.

7. शॉर्ट-टर्म निवेश के लिए उपयुक्त: जो निवेशक अल्पावधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और शेयर मार्केट के रिस्क से बचना चाहते हैं, उनके लिए ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं जो कम रिस्क के साथ स्थिर रिटर्न की तलाश में होते हैं. यह फंड मार्केट की अस्थिरता के समय में भी लाभदायक साबित हो सकते हैं.

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड की अन्य फंड्स से तुलना

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड को म्यूचुअल फंड की श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन इसकी निवेश रणनीति और रिस्क प्रोफाइल अन्य फंड्स से भिन्न होती है. ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड की तुलना कुछ अन्य प्रमुख म्यूचुअल फंड श्रेणियों से निम्नवत है:

ARBITRAGE FUND

1. ARBITRAGE FUND VS EQUITY FUND

• रिस्क: इक्विटी फंड सीधे शेयर मार्केट में निवेश करते हैं, इसलिए इनमें रिस्क हाई होता है. दूसरी ओर, ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड लो रिस्क वाले होते हैं क्योंकि वे प्राइस डिफरेंस का लाभ उठाते हैं और मार्केट के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होते हैं.

• रिटर्न: इक्विटी फंड उच्च रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं, लेकिन इसमें रिस्क भी अधिक होता है. ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड का रिटर्न स्थिर और मध्यम होता है.

• लिक्विडिटी: दोनों प्रकार के फंड ओपन-एंडेड होते हैं, लेकिन ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड में प्रवेश और निकासी आसान होती है.

2. ARBITRAGE FUND VS DEBT FUND

• रिस्क: डेट फंड में रिस्क कम होता है क्योंकि ये गवर्नमेंट बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करते हैं. ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड का रिस्क लेवल भी कम होता है, लेकिन वे ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होते हैं.

• रिटर्न: डेट फंड आमतौर पर ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड की तुलना में कम रिटर्न देते हैं, लेकिन उनकी स्थिरता अधिक होती है. आर्बिट्रेज फंड में स्थिर रिटर्न के साथ कुछ अधिक संभावित मुनाफा होता है.

• लिक्विडिटी: डेट फंड भी लिक्विड होते हैं, लेकिन ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड अधिक लचीले होते हैं क्योंकि ये शेयर मार्केट की कीमतों के उतार-चढ़ाव से लाभ उठाते हैं.

3. ARBITRAGE FUND VS HYBRID FUND

• रिस्क: हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं, इसलिए इनमें मध्यम रिस्क होता है. ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड का रिस्क स्तर इससे भी कम होता है क्योंकि ये मुख्यतः प्राइस डिफरेंस पर निर्भर करते हैं.

• रिटर्न: हाइब्रिड फंड का रिटर्न उच्च हो सकता है, लेकिन इसके लिए निवेशक को उच्च रिस्क उठाना पड़ता है. ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड का रिटर्न मध्यम होता है लेकिन अधिक स्थिर होता है.

• लिक्विडिटी: दोनों ही फंड लिक्विड होते हैं, लेकिन आर्बिट्रेज फंड मार्केट की अस्थिरता के बावजूद आसानी से प्रवेश और निकासी की अनुमति देते हैं.

4. ARBITRAGE FUND VS LIQUID FUND

• रिस्क: लिक्विड फंड बहुत कम रिस्क वाले होते हैं क्योंकि वे अल्पकालिक मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड में भी कम रिस्क होता है, लेकिन वे मार्केट की प्राइस डिफरेंस का लाभ उठाते हैं.

• रिटर्न: लिक्विड फंड का रिटर्न सामान्यतः आर्बिट्रेज फंड से कम होता है. आर्बिट्रेज फंड अपेक्षाकृत उच्च रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन यह मार्केट की स्थितियों पर निर्भर करता है.

• लिक्विडिटी: लिक्विड फंड में कभी भी निवेश या निकासी की जा सकती है. ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड भी लिक्विड होते हैं, लेकिन इनकी निकासी में कुछ दिन का समय लग सकता है.

आइये आर्बिट्रेज फंड को एक सरल उदाहरण से समझें

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड का मुख्य उद्देश्य मार्केट के विभिन्न सेगमेंट्स में प्राइस डिफरेंस का लाभ उठाकर मुनाफा कमाना होता है. इसका मतलब है कि जब किसी एक ही सिक्योरिटी का मूल्य दो अलग-अलग मार्केट में अलग-अलग होता है, तो आर्बिट्रेज फंड इस प्राइस डिफरेंस का फायदा उठाते हैं. आइए इसे एक सरल उदाहरण से समझते हैं:

उदाहरण:

यदि किसी कंपनी “XYZ लिमिटेड” का शेयर स्पॉट मार्केट में ₹100 और फ्यूचर मार्केट में ₹105 पर ट्रेड कर रहा है, तो आर्बिट्रेज फंड इस प्राइस डिफरेंस का लाभ उठाएगा. फंड ₹100 पर स्पॉट मार्केट से शेयर खरीदेगा और ₹105 पर फ्यूचर मार्केट में बेच देगा, जिससे ₹5 प्रति शेयर का निश्चित मुनाफा होगा.

यहां, एक आर्बिट्रेज अवसर मौजूद है, क्योंकि एक ही समय पर एक ही सिक्योरिटी का मूल्य दो अलग-अलग मार्केट में भिन्न – भिन्न है.

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड इस स्थिति का लाभ इस प्रकार उठाएंगे:

1. स्पॉट मार्केट में खरीदारी: आर्बिट्रेज फंड स्पॉट मार्केट में “XYZ लिमिटेड” के शेयर को ₹100 प्रति शेयर के मूल्य पर खरीदेंगे.

2. फ्यूचर मार्केट में बिक्री: इसके तुरंत बाद, फंड उसी शेयर को फ्यूचर मार्केट में ₹105 प्रति शेयर पर बेचने का अनुबंध करेंगे.

इस प्रक्रिया में, आर्बिट्रेज फंड ने ₹5 प्रति शेयर का निश्चित लाभ कमाया:

• खरीद मूल्य (स्पॉट मार्केट): ₹100 प्रति शेयर

• बिक्री मूल्य (फ्यूचर मार्केट): ₹105 प्रति शेयर

• लाभ: ₹105 – ₹100 = ₹5 प्रति शेयर

प्रक्रिया का निष्कर्ष:

• जब फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति होगी, आर्बिट्रेज फंड शेयर को फ्यूचर मार्केट में ₹105 पर बेचेंगे और स्पॉट मार्केट में खरीदे गए शेयर को अपने पोर्टफोलियो से हटा देंगे.

• इस पूरी प्रक्रिया में, फंड ने प्राइस डिफरेंस का लाभ उठाकर एक रिस्क-रहित मुनाफा प्राप्त किया है.

महत्वपूर्ण बिंदु:

• शून्य रिस्क: आर्बिट्रेज फंड की यह रणनीति लगभग शून्य रिस्क वाली होती है, क्योंकि खरीदारी और बिक्री एक ही समय में की जाती है.

• अल्पावधि के लिए: यह रणनीति आमतौर पर अल्पावधि में लागू की जाती है और तब तक प्रभावी होती है जब तक कि मार्केट में मूल्य भिन्नता मौजूद हो.

• अस्थिरता: जब मार्केट में अस्थिरता होती है, तो इस प्रकार के अवसर अधिक मिलते हैं और आर्बिट्रेज फंड इनसे लाभ कमाने की कोशिश करते हैं.

यह एक बुनियादी उदाहरण था कि आर्बिट्रेज फंड कैसे काम करते हैं. वास्तविक जीवन में, यह प्रक्रिया और भी जटिल हो सकती है, क्योंकि इसमें लेनदेन लागत, मार्केट की स्थिति और अन्य कारक भी शामिल होते हैं. लेकिन कुल मिलाकर, आर्बिट्रेज फंड का उद्देश्य मार्केट में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाकर स्थिर और रिस्क-मुक्त मुनाफा कमाना होता है.

निष्कर्ष

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं, जो कम रिस्क के साथ स्थिर रिटर्न की तलाश में होते हैं. ये फंड मार्केट की अस्थिरता के समय में भी लाभ प्रदान कर सकते हैं. हालांकि, निवेश से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और रिस्क सहनशीलता पर विचार करना आवश्यक है.

ARBITRAGE FUND – आर्बिट्रेज फंड से सम्बंधित अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न FAQs

प्रश्न :  आर्बिट्राज फंड कैसे काम करते हैं?

उत्तर : आर्बिट्राज फंड कैश और फ्यूचर्स मार्केट में एक ही शेयर के बीच मूल्य के अंतर का लाभ उठाते हैं. जब कैश मार्केट में शेयर की कीमत फ्यूचर्स मार्केट से कम होती है, तो फंड मैनेजर कैश मार्केट में शेयर खरीदते हैं और फ्यूचर्स मार्केट में बेचते हैं, जिससे अंतर का मुनाफा मिलता है.

प्रश्न :  आर्बिट्राज फंड में निवेश करने के लिए किस प्रकार के निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं?

उत्तर : आर्बिट्राज फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो कम जोखिम के साथ अल्पावधि निवेश करना चाहते हैं और बैंक डिपॉजिट से थोड़ा अधिक रिटर्न की तलाश में हैं. यह उन निवेशकों के लिए भी अच्छा है जो बाजार की वोलैटिलिटी से बचना चाहते हैं.

प्रश्न :  आर्बिट्राज फंड्स का रिटर्न कैसे मिलता है?

उत्तर : आर्बिट्राज फंड्स का रिटर्न कैश और फ्यूचर्स मार्केट में शेयरों के मूल्य के अंतर से आता है. यह अंतर सामान्यतः बाजार में वोलैटिलिटी के आधार पर बदलता रहता है.

प्रश्न :  आर्बिट्राज फंड्स में जोखिम कितना होता है?

उत्तर : आर्बिट्राज फंड्स में जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है क्योंकि वे दोनों बाजारों (कैश और फ्यूचर्स) में संतुलित होते हैं. हालांकि, अगर बाजार में पर्याप्त आर्बिट्राज अवसर नहीं होते, तो रिटर्न सीमित हो सकता है.

प्रश्न :  क्या आर्बिट्राज फंड्स इक्विटी या डेट फंड्स से बेहतर हैं?

उत्तर : आर्बिट्राज फंड्स में जोखिम डेट फंड्स की तुलना में थोड़ा अधिक होता है, लेकिन वे इक्विटी फंड्स से सुरक्षित माने जाते हैं. ये उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हैं जो इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन सीधे इक्विटी मार्केट के उतार-चढ़ाव का जोखिम नहीं लेना चाहते.

प्रश्न :  क्या आर्बिट्राज फंड्स टैक्स-फ्रेंडली होते हैं?

उत्तर : हाँ, आर्बिट्राज फंड्स को टैक्स के दृष्टिकोण से इक्विटी फंड्स के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. यदि निवेशक एक वर्ष से अधिक समय तक निवेशित रहते हैं, तो निवेशकको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर 10% टैक्स देना होगा. एक वर्ष से कम अवधि के लिए, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर 15% टैक्स लागू होता है.

प्रश्न :  क्या आर्बिट्राज फंड्स में लॉक-इन अवधि होती है?

उत्तर : नहीं, आर्बिट्राज फंड्स में कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है. निवेशक अपने निवेश को किसी भी समय रिडीम कर सकते हैं. हालांकि, कुछ फंड्स में एक छोटी अवधि के लिए एग्जिट लोड लागू हो सकता है.

प्रश्न :  आर्बिट्राज फंड्स की लिक्विडिटी कैसी होती है?

उत्तर : आर्बिट्राज फंड्स की लिक्विडिटी अच्छी होती है, और निवेशक किसी भी समय अपने यूनिट्स को रिडीम कर सकते हैं. हालांकि, रिडेम्पशन प्रोसेसिंग में 2-3 कार्य दिवस लग सकते हैं.

प्रश्न :  आर्बिट्राज फंड्स में रिटर्न की स्थिरता कैसी होती है?

उत्तर : आर्बिट्राज फंड्स में रिटर्न अपेक्षाकृत स्थिर होते हैं, क्योंकि वे बाजार की वोलैटिलिटी का लाभ उठाते हैं. हालांकि, रिटर्न का स्तर अन्य डेट और इक्विटी फंड्स की तुलना में कम होता है.

प्रश्न :  आर्बिट्राज फंड्स में कौन-से शुल्क होते हैं?

उत्तर : आर्बिट्राज फंड्स में एक्सपेंस रेशियो, एग्जिट लोड (यदि लागू हो), और अन्य प्रबंधन शुल्क होते हैं. एक्सपेंस रेशियो आमतौर पर 0.5% से 1% के बीच होती है. निवेश से पहले फंड के चार्जेस की जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है.

प्रश्न :  क्या आर्बिट्राज फंड्स बाजार में मंदी के दौरान भी रिटर्न दे सकते हैं?

उत्तर : हाँ, आर्बिट्राज फंड्स मंदी के दौरान भी रिटर्न दे सकते हैं क्योंकि वे बाजार की वोलैटिलिटी का लाभ उठाते हैं. हालांकि, अगर बाजार में पर्याप्त आर्बिट्राज अवसर नहीं होते, तो रिटर्न सीमित हो सकता है.

प्रश्न :  आर्बिट्राज फंड्स में क्या रिडेम्पशन पर चार्ज लगता है?

उत्तर : कुछ आर्बिट्राज फंड्स में रिडेम्पशन पर एक छोटी अवधि के लिए एग्जिट लोड लागू हो सकता है, जो आमतौर पर 30 से 90 दिनों की अवधि होती है. इसके बाद, रिडेम्पशन पर कोई चार्ज नहीं लगता.

प्रश्न :  आर्बिट्राज फंड्स की रिस्क प्रोफाइल क्या होती है?

उत्तर : आर्बिट्राज फंड्स की रिस्क प्रोफाइल कम होती है, क्योंकि ये फंड कैश और फ्यूचर्स मार्केट के बीच मूल्य के अंतर का लाभ उठाते हैं. हालांकि, इनका जोखिम लिक्विड और अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म फंड्स से अधिक होता है.

प्रश्न :  क्या आर्बिट्राज फंड्स से होने वाला मुनाफा हर समय स्थिर होता है?

उत्तर : नहीं, आर्बिट्राज फंड्स से होने वाला मुनाफा बाजार की वोलैटिलिटी और उपलब्ध आर्बिट्राज अवसरों पर निर्भर करता है. आमतौर पर, वे स्थिर मुनाफा प्रदान करते हैं, लेकिन यह अन्य इक्विटी या डेट फंड्स के मुकाबले सीमित होता है.

प्रश्न :  क्या आर्बिट्राज फंड्स को SIP और लंपसम दोनों में निवेश किया जा सकता है?

उत्तर : हाँ, आर्बिट्राज फंड्स में SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) और लंपसम दोनों तरीकों से निवेश किया जा सकता है. निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से किसी भी विकल्प का चयन कर सकते हैं.

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