MRF यानी Madras Rubber Factory मद्रास रबर फैक्ट्री का शेयर देश का सबसे मंहगा शेयर है. कम्पनी ने प्रति शेयर 196 रुपए प्रति डिविडेंड देने की घोषणा की है. यह कम्पनी दुपहिया वाहनों से लेकर फाइटर विमानों के लिए टायर बनाती है.
MRF ने प्रति शेयर 196 रूपये डिविडेंड की घोषणा की
टायर बनाने वाली देश की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी MRF यानी मद्रास रबर फैक्ट्री ने शुक्रवार 03 मई 2024 को फाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए आज तक के सबसे अधिक डिविडेंड 196 रूपये प्रति शेयर के हिसाब से देने की घोषणा की है.
फाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए करीब तीन बार डिविडेंड देने की घोषणा की है. जिसमें दो बार 3-3 रुपए प्रति शेयर और एक बार 196 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड देने की घोषणा की है.
कम्पनी ने रिकॉर्ड स्तर का डिविडेंड घोषित कर मीम बनाने वालों को दिया करारा जवाब
इस फाइनल डिविडेंड घोषणा करने से पहले कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए दो बार तीन-तीन रुपए प्रति शेयर के हिसाब से अंतरिम डिविडेंड की घोषणा की थी. इस पर आलोचकों का यह कहना था कि देश के सबसे महंगे शेयर (प्रति शेयर 1 लाख रूपये भी ज्यादा) द्वारा मात्र ₹3 का अंतिम डिविडेंड देना एक मजाक है. फिर बाद में इसी आधार पर सोशल मीडिया पर बहुत सारे मीम भी वायरल हुए थे.
तिमाही आधार पर गत तिमाही मार्च 2024 में गिरावट दर्ज करने के बावजूद कंपनी ने रिकॉर्ड स्तर ₹196 का डिविडेंड दिया जाना घोषित किया है. जो कंपनी की अच्छी साख को दर्शाता है.
कुछ समय पूर्व जब कंपनी ने अपने लाभ के आधार पर दो बार तीन-तीन रुपए का अंतरिम डिविडेंड दिया था तब इस तीन-तीन रुपए के अंतरिम डिविडेंड पर सोशल मीडिया पर काफी मीम वायरल हुए थे. कंपनी ने रिकॉर्ड स्तर ₹196 का डिविडेंड घोषित कर नीम बनाने वालों को करारा जवाब दिया है.
MRF के शेयर का फेस वैल्यू 10 रूपये है. इस प्रकार फाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए कम्पनी ने कुल 200 रूपये डिविडेंड देने की घोषणा की है. जो 2000% है. कम्पनी के इतिहास में पहली बार रिकॉर्ड स्तर का डिविडेंड देने की घोषणा की गयी है.
पिछले तीन वर्ष में MRF द्वारा दिए गए डिविडेंड का विवरण निम्न हैं:
Financial Year | Dividend (Interim) | Dividend (Final) | Dividend (Total) |
2023-2024 | ₹3 व ₹3 दो बार | ₹196 | ₹200 |
2022-2023 | ₹3 व ₹3 दो बार | ₹169 | ₹175 |
2021-2022 | ₹3 व ₹3 दो बार | ₹144 | ₹150 |
MRF कम्पनी ने सालभर में 37% का रिटर्न दिया है.
MRF शेयर ने एक साल में अपने निवेशकों को 37.58% का रिटर्न दिया है. साल 2024 में अब तक इस शेयर में 0.58 % की मामूली गिरावट दर्ज की गयी है. पिछले छह महीनों में भारत के सबसे महंगे शेयर की कीमत में 19 % का उछाल आया है.
MRF की पहचान देश के सबसे महंगे शेयर वाली कंपनी के तौर पर है। इसके शेयर कई बार निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दे चुके हैं।
कैसे मिलेगा डिविडेंड का फायदा?
किसी भी डिविडेंड का फायदा किसी निवेशक को तब मिलता है, जब निवेशक के पास एक तय तारीख, जिसे एक्स डिविडेंड डेट कहते हैं, को उस कम्पनी के शेयर हों. ऐसे में बहुत से निवेशक ऐसे होते हैं जो कम्पनी की एक्स डेट के अनुसार निवेश करते हैं और अच्छा लाभ कमाते हैं. अभी MRF कम्पनी ने मौजूदा डिविडेंड के लिए एक्स डेट का ऐलान नहीं किया है.
जैसे कम्पनी निर्धारित करती, आपको एक्स डेट की सूचना हामारी इसी वेबसाइट से मिल जाएगी.
MRF कैसे बना देश का सबसे मंहगा शेयर?
कोई भी शेयर जब शुरुआत में जारी किया जाता है तब 1 शेयर की वैल्यू 10 रूपये होती है. समय के साथ जब कंपनी का बिजनेस अच्छा चलता है और कंपनी लाभ कमाती है तब कंपनी के शेयर्स का वैल्यू बढाता है. ऐसा ही MRF के साथ हुआ. MRF के 1 शेयर की वैल्यू 13 जून 2023 को 1 लाख पार गर गयी. कंपनी सिर्फ डिविडेंड का भुगतान ही अपने शेयर धारकों को किया है. बोनस शेयर इशू करना एवं स्टॉक स्पलिट दो प्रमुख कारण हैं जिनसे कंपनी के शेयर की वैल्यू कम होती है. कम्पनी ने अपने शेयरहोल्डिंग बेस को बढ़ाने के लिए आजतक स्टॉक स्प्लिट नहीं किया है. MRF ने ये दोनों काम कभी नहीं किये. साथ कंपनी का बिजनेस भी लगातार लाभ पर चल रहा है. जिससे कंपनी का शेयर आज इंडियन स्टॉक मार्केट में सबसे मंहगा हैं.
यहाँ दिलचस्प बात यह है कि यह कंपनी भारतीय कंपनी है. इस भारतीय कंपनी के शेयर्स ने जनवरी 2024 में इतिहास रच दिया था. एफआरएफ के शेयर्स ने 17 जनवरी को 1.5 लाख रूपये का रिकॉर्ड आंकड़ा पार कर लिया. कंपनी का 52 वीक्स का अधिकतम मूल्य रूपये 151445 और न्यूनतम मूल्य रूपये 88318 रहा है.
MRF कंपनी का परिचय
तमिलनाडु के चेन्नई में स्थापित इस कंपनी को MRF यानी Madras Rubber Factory मद्रास रबर फैक्ट्री के नाम से जाना जाता है. 1946 में बैलून्स बनाने से शुरुआत करने वाली MRF कंपनी आज मुख्य रूप से टायर बनाने के अलावा ट्रेड्स, ट्यूब, कनवेयर बेल्ट, पेंट और बच्चों के खिलौने बनाती है.
जब कंपनी ने टायर बनाने का काम चालू किया तो कंपनी काफी समस्या आ रही थी. जिसके कारण कंपनी के मालिक श्री के एम मम्मेन मापपिल्लई ने 1960 में तमिलनाडु में मद्रास रबर फैक्ट्री लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई और एक विदेशी कंपनी तकनीकी सहायता ली. जिसका नाम मैन्सफील्ड टायर एंड रबर कंपनी था. यह कंपनी अमेरिका के ओहियो स्थापित थी. समय के साथ MRF ने नए कीर्तिमान बनाये और आज इसने मैन्सफील्ड टायर एंड रबर कंपनी का भी अधिग्रहण कर लिया है.
कंपनी ने 1989 में मारुति की कारों के लिए टायर सप्लाई का बड़ा काम शुरू किया. आज कंपनी MNC के रूप में विश्व पटल पर परचम लहरा रही है.
वर्तमान समय में कंपनी द्वारा 10 उत्पादन फैक्ट्रियों का संचालन किया जा रहा है. जिसमें से चार फैक्ट्रियां तमिलनाडु में, एक केरल, एक गोवा, एक पुदुच्चेरी, दो तेलंगाना और एक गुजरात में संचालित हैं.
अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न FAQs
प्रश्न : Dividend डिविडेंड क्या होता है?
उत्तर : जब कम्पनी अपने सालाना लाभ के आधार पर अपने शेयर धारकों को प्रति शेयर लाभ देती है तो उसे डिविडेंड कहते हैं.
प्रश्न : मल्टीनेशनल कंपनी क्या होती हैं?
उत्तर : जो कम्पनी एक से अधिक देशों में अपना व्यापार करती हैं, उन्हें MNC या Multi National Company मल्टीनेशनल कंपनी कहते हैं. इन्हें अंतर्राष्ट्रीय कम्पनी भी कहते हैं.
प्रश्न : फाइनेंशियल ईयर क्या होता है ?
उत्तर : भारत में 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच की समयावधि को फाइनेंशियल ईयर या वित्तीय वर्ष कहते हैं.
प्रश्न : बोनस शेयर क्या होता है?
उत्तर : जब कम्पनी अपने शेयर धारकों को वार्षिक लाभ के आधार पर प्रति शेयर एक्स्ट्रा शेयर देती है तो इन एक्स्ट्रा शेयर्स को बोनस शेयर कहते हैं.
प्रश्न : स्टॉक स्पलिट क्या होता है?
उत्तर : जब कम्पनी अपने शेयर की फेस वैल्यू को किसी अनुपात में कम कर शेयर्स की संख्या बढ़ा देती है तो इसे स्टॉक स्पलिट कहते हैं. स्टॉक स्पलिट से शेयर की फेस वैल्यू कम होने से शेयर का मूल्य कम हो जाता है, जिस से कम्पनी अधिक लोगों को अपनी कम्पनी में निवेश के लिए आकर्षित करती है.
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