कोरोना महामारी (2020) के 4 वर्ष बाद फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में पहली बार कटौती की गई है. जो इस समय Fed Rate Cut के नाम से चर्चा में है.

विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश अमेरिका की केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा 18 सितंबर 2024 को Interest Rates में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई है.

2024 में फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में की गयी इस कटौती से पहले फेड रिजर्व की दरें 5.25 से 5.5 % के बीच थीं, जो पिछले 23 वर्षों में सबसे ज्यादा रही हैं. Interest Rates में कटौती की घोषणा के बाद नई Interest Rates 4.75 से 5 % के बीच हो गई हैं.

5.25 - 5.5 %

4.75 - 5 %

अमेरिका में महंगाई के कारण केंद्रीय बैंक पर Interest Rates कम करने का दबाव काफी समय से था. फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने दरों में कटौती के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह माना कि Interest Rates घटाने में कुछ देरी हुई.

फेडरल रिजर्व के प्रमुख ने यह भी संकेत दिया कि Interest Rates में आने वाले समय में और कटौती हो सकती है. जो मुद्रास्फीति और अन्य आर्थिक कारकों पर निर्भर करेगा.

Interest Rates में कटौती के बाद उन क्षेत्रों पर सकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ेंगे जहां पर अत्यधिक मात्रा में पैसे की आवश्यकता होती है, जैसे रिसर्च और इंडस्ट्री आदि पर.

टेक्नोलॉजी, फाइनेंशियल सर्विसेज, रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिलेगी.

फेडरल रिजर्व के Interest Rates में कटौती से अमेरिका में सरकारी बांड्स पर भी Interest Rates में कमी आएगी, जिससे वहां के निवेशक अपना पैसा बॉन्ड में लगाने की बजाय शेयर बाजार में लगाना पसंद करेंगे.

विकासशील अर्थव्यवस्था होने के कारण इस समय भारत का शेयर मार्केट दुनियाभर के निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.

Fed Rate Cut होने से भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी निवेश बढ़ सकता है, जिससे भारतीय शेयर मार्केट में तेजी आने की संभावना है.