बचत vs निवेश क्या है और ये दोनों आपके लिए क्यों जरूरी हैं? इस आर्टिकल में आप आगे बचत vs निवेश के बारे में विस्तार से जानेगें।
हमारे पास हर महीना अपनी सैलरी से सभी खर्चे पूरे करने के बाद कुछ न कुछ पैसा बचता है और यह पैसा:
- जब ऐसी जगह लगाया या जमा किया जाता है जहाँ ये समय के साथ सामान्य रूप से या निश्चित रूप से बढ़ता है या सुरक्षित रहता है तो इसे बचत कहते हैं। जब हमें जरूरत पड़ती है तब हम इसे यूज़ कर सकते हैं।
- जब ऐसी जगह जमा या लगाया जाये जहाँ ये समय के साथ तेजी बढ़ता है तब इसे निवेश कहा जाता है तथा इसमें कोई जरूरी नहीं है कि जब आप चाहें तब आप निवेश किया हुआ पैसा आप तुरंत यूज़ कर लें। निवेश में यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने निवेश कहाँ किया है? अगर आपने निवेश जमीन में किया है तो जमीन तुरंत नहीं बिक सकती और आपने यदि किसी ऐसी स्कीम में पैसा लगाया है जहाँ लॉक इन पीरियड है तब भी आपको तत्काल पैसा नहीं मिल सकता है लेकिन वहीँ अगर आपने शेयर या म्यूच्यूअल फण्ड में पैसा लगाया है तो आपको तीसरे दिन पैसा मिल सकता है और यदि आपने ओवरनाइट जैसे फण्ड में पैसा लगाया है तो आप जब चाहें तब आपको आपका पैसा मिल जायेगा।
“बचत से निवेश है और निवेश से बड़ी बचत है। “
कहने का अर्थ यह है कि जब हमारे पास बचत होती है तभी हम निवेश करते हैं और जब आप निवेश कर देते हैं तो यही निवेश आने वाले समय में बड़ी बचत के रूप में तैयार हो जाता है।
बचत vs निवेश या बचत और निवेश
बचत एक शुरुआती अवस्था है। जिसमें हम अपने हर महीने के खर्च निकालने के बाद पैसे बचाते हैं और इन पैसों को सुरक्षित जगह जमा करते हैं। जहां पर यह हमें निश्चित लाभ देते हैं। बचत में सामान्य तौर से हम उन स्कीम्स में पैसा जमा करते हैं जहां पर हमें निश्चित रिटर्न या लाभ मिलता है या यूं कहें कि हमें इन स्कीम्स में निश्चित रूप से रिटर्न मिलता है, चाहे जो भी कंडीशन हो अर्थात निर्धारित अवधि के बाद आपका पैसा ब्याज या लाभ के साथ बढ़कर कर मिलता है।
बचत में पूर्व निर्धारित लाभ ही शामिल है। इन स्कीम्स में पैसा लगाने के बाद आप निश्चिंत हो जाते हैं कि आपको एक निश्चित समय के बाद लाभ एवं ब्याज के साथ लगभग इतना पैसा मिलेगा। जिससे आप अपने निश्चित उद्देश्यों को पूरा कर सकते हैं। अब समय ऐसा चल रहा है जब आपको सिर्फ निश्चित लाभ ही नहीं चाहिए परंतु उससे अधिक भी कुछ चाहिए। जिसके लिए आपको अपनी बचत का पैसा कहीं ऐसी जगह लगना या जमा करना होगा, जहां पर आपको अधिक लाभ मिले। जिसके लिए आपको निवेश का रास्ता चुनना होगा।
निवेश में लगाया गया पैसा बचत की स्कीम्स में लगाए गए पैसों से अधिक ब्याज/लाभ प्रदान करता है। इसमें आपको पहले यह पता करना होता है कि जहां पर आप पैसा निवेश करने जा रहे हैं, उसका भविष्य क्या है अर्थात क्या वर्तमान समय में जो लाभ की संभावनाएं दिखाई पड़ रही हैं वह आने वाले समय में भी रहेंगी। कहीं ऐसा ना हो कि आप ऐसी जगह पैसा लगा दें कि आपका पैसा बढ़ने की बजाय पूरा का पूरा डूब जाए क्योंकि निवेश जोखिमों से भरा हुआ होता है इसीलिए निवेश में अक्सर कहा जाता है कि कहीं भी पैसा लगाने से पहले उसकी पूरी जांच पड़ताल कर लें।
निवेश में पैसा कहां-कहां लगाया जाता है:-
आज की समय में निवेश के लिए सबसे मन पसंदीदा ऑप्शन है जमीन खरीदना क्योंकि जमीनों के दाम दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। जमीन खरीदने से पहले यह देखना चाहिए कि जहां आप जमीन खरीदने जा रहे हैं या खरीद रहे हैं, वह जमीन सही है अर्थात उसे पर कोई विवाद तो नहीं है क्योंकि जमीनों पर सामान्य तौर से होने वाले विवाद आसानी से सुलझते नहीं है। यह सालों साल चलते रहते हैं। ऐसी स्थिति में यदि आप बिना सोचे समझे, जाँच पड़ताल किए हुए अपना पैसा जमीन में लगाते हैं अथवा जमीन खरीदते हैं तो ऐसे में आपका पूरा पैसा डूब सकता है। यदि आप किसी एरिया में जमीन ले रहे हैं। उस एरिया की पूरी जानकारी प्राप्त कर लें। ऐसा भी हो सकता है कि आने वाले समय में वहां पर सरकार कोई बड़ी योजना बनाने जा रही हो या कोई निजी प्राइवेट समूह कोई बड़ा प्रोजेक्ट डालने जा रहा है। ऐसी जगह पर जमीन में निवेश करने से जमीन में बहुत अच्छा मुनाफा होता है। जैसे यदि किसी व्यक्ति ने ऐसी जगह जमीन खरीदी है जहां पर अब हाईवे निकलने जा रहा है या हाईवे निकाले जाने की योजना बना रही है या वहां पर कोई रेलवे स्टेशन, रेलवे लाइन पड़ रही है या वहां पर कोई मेट्रो स्टेशन बन रहा है तो ऐसे में वहां पर अगर किसी ने पहले से जमीन में पैसा निवेश किया है तो उसका पैसा अचानक से बहुत अधिक बढ़ जाता है।
जब हम शेयर मार्केट में पैसा लगाने के बारे में सोचते हैं तो हमें अपने शेयर मार्केट एक्सपर्ट से राय लेनी चाहिए। वह शेयर मार्केट एक्सपर्ट प्रोफेशनल आदमी होना चाहिए जो आपको सही जानकारी दें। शेयर मार्केट में भी पैसा बहुत तेजी से बढ़ता है लेकिन यहां पर जोखिम बहुत ज्यादा है। पैसा डूबने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसी स्थिति में यदि आप शेयर मार्केट में पैसा लगाने के बारे में सोच रहे हैं या पैसा लगा रहे हैं तो आप जिस योजना या स्कीम में, जिस कंपनी में, जिस फार्म में, संस्था में पैसा लगाने जा रहे हैं, उसके बारे में संपूर्ण जानकारी ले लें कि उसका प्रॉफिट कैसा है, उसकी स्टेबिलिटी कैसी है, वह कर्ज में तो डूबी नहीं है या रजिस्टर्ड कंपनी है कि नहीं।समस्त सूचनाओं की जानकारी अवश्य ले लें।
जब आप को ऐसा लगता है कि शेयर मार्केट अनिश्चितताओं से भरा हुआ है, तो आपको म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। म्युचुअल फंड में निवेश करने से लंबी अवधि में हमेशा फायदा ही देखा गया है। एक फायदा म्युचुअल फंड में निवेश करने का यह भी है कि यदि आपके पास छोटा-छोटा पैसा भी है या थोड़ा पैसा ही प्रति माह बचता है तो भी आप म्युचुअल फंड में एसआईपी के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। इसमें पैसा हर महीने थोड़ा-थोड़ा लगता है, मार्केट के उतार-चढ़ाव का फर्क नहीं पड़ता है।
बचत स्कीम्स में लगाया गया पैसा आयकर अधिनियम के अंतर्गत डेढ़ लाख की सीमा तक टैक्स फ्री होता है तथा कुछ ऐसी स्कीम्स भी होती हैं जिसमें प्राप्त होने वाला लाभ पूर्णतया टैक्स फ्री होता है जबकि निवेश में एक दो स्कीम्स को छोड़कर के बाकी निवेश की कोई ऐसी स्कीम नहीं है जिसमें लगाया गया पैसा आयकर अधिनियम के तहत छूट के दायरे में आता है
बचत के लिए अपनाये जाने वाले उपाय
बचत खाता में पैसा जमा करके
इसमें बैंक या पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खोल करके हर माह पैसा जमा करके अपनी बचत करते हैं।
आर डी खाता खोलकर पैसा जमा करते हैं
इसमें प्रत्येक प्रत्येक महीना एक निश्चित धनराशि जमा करनी होती है।
बचत खाता और आर डी खाता में यह अंतर है कि बचत खाते में आप कभी भी किसी भी समय कितनी भी धनराशि जमा कर सकते हैं जबकि आर डी खाते में आपको निश्चित तिथि में एक निश्चित धनराशि जमा करनी होती है
फिक्स्ड डिपॉजिट करके इसमें हम धनराज धनराशि एक निश्चित समय के लिए जमा करते हैं जिस पर बैंक हमें एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करती है इसमें प्राप्त होने वाले लाभ निश्चित होते हैं रोड आर डीडी खाता हुआ फिश डिपॉजिट खाते में यह अंतर होता है कि रोड खाता में आप बार-बार पैसा जबकि फिक्स डिपाजिट खाते में एक बार ही पैसा एक निश्चित समय के लिए जमा किया जाता है
किसान विकास पत्र
राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (एनपीएस)
सरकारी बचत पत्र या बांड
पीपीएफ
राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी)
सुकन्या समृद्धि योजना
बीमा योजना
पेंशन योजना
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
टैक्स सेविंग एफडी
महिला सम्मान बचत पत्र
इपीएफ
यूलिप
इ एल एस एस
इसके अलावा बहुत सारी बचत की योजनाएं उपलब्ध है। जिनमें आप अपना पैसा जमा कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप अपने नजदीक के किसी भी बैंक में जाकर के बचत के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं या लिंक पर क्लिक करें।
निवेश के लिए अपनाये जाने वाले उपाय
शेयर बाजार में
म्युचुअल फंड में
जमीन में
गोल्ड में
या अन्य व्यवसायिक गतिविधियों में
इस प्रकार आप देखेंगे की बचत में सरल तरीके से कम पैसा भी लगाया जा सकता है जबकि निवेश के लिए आपको इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की आवश्यकता होती है, जो आपको यह बता सके कि शेयर बाजार में या म्यूचुअल फंड में कहां पर निवेश करने से आपका पैसा कम जोखिम के साथ ज्यादा ग्रोथ करेगा।
बचत में एक निश्चित लाभ या ब्याज प्राप्त होता है जबकि निवेश में ऐसी कोई निश्चित नहीं रहती है कि आपको लाभ ही होगा। कभी -कभी आपको नुकसान भी हो सकता है, परंतु निवेश में अधिक लाभ प्राप्त होता है। अगर आपने सही से या सही स्थान पर सही व्यक्ति की राय लेकर के निवेश किया है तो इसमें निश्चित ही लाभ होता है। यह लाभ बचत में होने वाले लाभ से कहीं अधिक होता है।
“निवेश बाजार जोखिम के अधीन होता है, जबकि बचत जोखिम रहित होती है”
बचत में थोड़ा-थोड़ा पैसा जबकि निवेश के लिए सामान्य तौर से एक बड़ी धनराशि की आवश्यकता होती है, लेकिन वर्तमान समय में निवेश में लोगों की रुचि बढ़ गई है। जिसके कारण छोटा-छोटा पैसा वह शिप के माध्यम से बाजार में या शेयर में लगा सकता है।
बचत और निवेश पर टैक्स
निवेश में लगाए गए पैसे पर प्राप्त होने वाले लाभ या ब्याज पर आयकर अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत टैक्स पड़ता है तथा यह टेक्स समय के अनुसार भी होता है। टैक्स के साथ ही साथ कुछ अन्य चार्ज भी पढ़ते हैं जैसे यदि आपने म्युचुअल फंड या सिप में पैसा लगाया हुआ है तो 1 साल से पहले वह पैसा निकलने पर आपको अपने पूरे पैसे का एक परसेंट चार्ज के रूप में देना पड़ता है। वहीं पर जब आप 3 साल बाद पैसा निकलते हैं तो आपको कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है। जबकि बचत में चाहें जब पैसा ड्रा करें आपको चार्ज के रूप में आपको कोई भी पैसा नहीं देना पड़ता है। बस आपको जितना फायदा लाभ या रिटर्न प्राप्त हुआ है, उसी पर निर्धारित टैक्स देना पड़ेगा। इसी प्रकार जमीन व गोल्ड एवं अन्य जगहों पर लाभ होने की स्थिति में भी आपको टैक्स देना पड़ता है।
इस प्रकार देखा जाये तो बचत और निवेश अलग -अलग नहीं हैं बल्कि दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
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