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Wow! अब 65 वर्ष के पर भी ले सकेंगे हेल्थ इंश्योरेंस, आयु सीमा में हुआ बड़ा बदलाव !

हेल्थ इंश्योरेंस

हमारे देश में बीमा कंपनियों को रेगुलेट करने वाली संस्था आईआरडीएआई IRDAI  ने हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए आयु सीमा की बाध्यता को समाप्त कर दिया है. इसके साथ ही साथ इस आर्टिकल में आपको और कई महत्वपूर्ण बदलावों की जानकारी प्राप्त होगी जिन्हें IRDAI ने अपने सर्कुलर के द्वारा जारी किया है. जिनका पालन करना सभी बीमा कंपनियों के लिए अनिवार्य होगा.

हेल्थ इंश्योरेंस के इस आर्टिकल को पढ़ने वाला शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो इसके बारे में न जानता हो. यदि आप हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में जानते हैं और आपने अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए इसे ले रखा है तो यह आर्टिकल पढ़ना आपके लिए जरूरी है. यदि आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो आपको इसकी जानकारी एवं अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही जरूरी होने वाला है.

इस आर्टिकल के अंतर्गत हम आपको हेल्थ इंश्योरेंस की आवश्यकता, इससे होने वाले लाभ, बीमा नियामक IRDAI द्वारा किए गए बदलाव, एवं समाज पर पढ़ने वाले प्रभावों को विस्तार से जानेंगे.

हेल्थ इंश्योरेंस की आवश्यकता क्यों?

इसके लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि हेल्थ इंश्योरेंस क्या होता है? जब एक बार आप हेल्थ इंश्योरेंस जान जाएंगे तब आपको इसकी आवश्यकता समझ में आ जाएगी.

हेल्थ इंश्योरेंस क्या होता है?

हम सभी जानते हैं और अपने आसपास यह देखते भी हैं कि हम लोग बीमार पड़ते हैं. बीमारी छोटी-मोटी होने पर डॉक्टर के पास जाकर दवा ले लेते हैं और एक-दो दिन में हम ठीक हो जाते हैं. इसमें बहुत ही कम खर्च आता है. कुछ बीमारियां ऐसी होती है जिनको ठीक होने में अधिक समय लगता है तथा हमें कभी-कभी hospitalized भी होना पड़ता है. ऐसे में हमारे खर्च बढ़ जाते हैं.

हेल्थ इंश्योरेंस वह इंश्योरेंस होता है जो आपको बीमारी से सुरक्षा प्रदान करता है. कहने का आशय यह है कि इस बीमा के अंतर्गत आप बीमारी के इलाज पर होने वाले विभिन्न प्रकार के भारी भरकम  खर्चों जैसे दवाई, हॉस्पिटल व डॉक्टर की फीस आदि से मुक्ति प्राप्त करते हैं.

IRDAI द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस में किये गए महत्वपूर्ण बदलाव

भारत की बीमा नियामक संस्था IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस के सम्बन्ध में कई बदलाव किये हैं. जिनका विवरण निम्न है:-

# हेल्थ इंश्योरेंस की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष को किया समाप्त

IRDAI  ने अपने सर्कुलर द्वारा 1 अप्रैल 2024 से हेल्थ इंश्योरेंस के लिए अधिकतम आयु सीमा को समाप्त कर दिया है. अब 65 वर्ष से ऊपर के लोग भी हेल्थ इंश्योरेंस ले सकेंगें. इस से पूर्व हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए अधिकतम आयु 65 वर्ष निर्धारित थी. 65 वर्ष से ऊपर का कोई भी नागरिक हेल्थ इंश्योरेंस नहीं ले सकता था. जो भी नागरिक हेल्थ इंश्योरेंस लेते थे वो 65 वर्ष से कम आयु के होते थे.

हम लोग जानते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ हमारा शरीर भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है. कमजोर शरीर को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं. वर्तमान में बदलते वातावरण और खानपान के कारण 60-65 साल की आयु के बाद अधिकतर लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं. जिसके कारण आपको इलाज के लिए अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा खर्च करना पड़ता है. अब IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस लेने की अधिकतम आयु सीमा को हटा दिया है.

हेल्थ इंश्योरेंस लेने की अधिकतम आयु सीमा को हटाने के बाद अब आप अपने बुजुर्ग माता-पिता या स्वयं जिनकी आयु 65 साल से अधिक हो गई है, का भी हेल्थ इंश्योरेंस ले सकते हैं.

# गंभीर बीमारी वाले भी अब ले सकेंगे हेल्थ इंश्योरेंस

पहले गंभीर बीमारी वालों को बीमा कम्पनियां हेल्थ इंश्योरेंस देने से मना कर देती थी. अब बीमा कम्पनियां कैंसर, हृदय या गुर्दा फेल और एड्स जैसी गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों को पॉलिसी बेचने से मना नहीं कर सकेंगी.

#प्राप्त कर सकते हैं कई क्लेम

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IRDAI  ने अपने सर्कुलर द्वारा लाभ आधारित बीमा वाले बीमा धारक विभिन्न बीमाकर्ताओं के साथ कई क्लेम दायर कर सकते हैं। पहले इस पर पर अलग अलग बीमा कम्पनिया प्रतिबन्ध लगाती थी.

#आयुष उपचार में व्यय पर कोई सीमा नहीं

IRDAI  ने अपने सर्कुलर द्वारा कहा है कि आयुष उपचार में व्यय पर कोई सीमा नहीं है. आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी प्रणालियों के अंतर्गत उपचार को बिना किसी व्यय सीमा के बीमा का कवरेज प्राप्त होगा.

# वेटिंग पीरियड को किया गया कम

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IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस वेटिंग पीरियड को भी 48 महीने के बजाय घटकर 36 महीने कर दिया है. इसके अंतर्गत बीमा धारक में सभी पूर्व-मौजूदा बीमारियों आदि को 36 महीने के बाद कवर किया जाना चाहिए, भले ही बीमा धारक ने बीमा करते समय में अपनी उन मेडिकल कंडीशन के बारे न बताया हो. कहने का आशय यह है कि अब यदि आपका बीमा 36 महीने से अधिक मका हो गया है और आप रेगुलर प्रीमियम जमा कर रहे हैं तो सभी प्रकार की बिमारियों का कवरेज मिलेगा.

# वरिष्ठ नागरिकों के लिए उनके दावों और शिकायतों से निपटने के लिए एक समर्पित चैनल स्थापित करने का निर्देश

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IRDAI ने अपने सर्कुलर में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अनुरूप नीतियां पेश करने और उनके दावों और शिकायतों से निपटने के लिए एक समर्पित चैनल स्थापित करने का निर्देश जारी किया है. इसके प्रभावी संचालन से वरिष्ठ नागरिकों को अब समस्या नहीं होगी.

समाज पर पड़ने वाले प्रभाव

बीमा नियामक द्वारा किये गए उपरोक्त बदलावों से देश में एक अधिक समावेशी हेल्थ इंश्योरेंस पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा जो बीमा प्रदाता कंपनियों को अपने उत्पाद की पेशकश में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

आज के समय में स्वास्थ बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस इस से निपटने के लिए सर्वोत्तम कारगर उपाय साबित होगा.

अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न FAQs

प्रश्न : आईआरडीएआई IRDAI  क्या है?

उत्तर : हमारे देश में बीमा कंपनियों को रेगुलेट करने के लिए जो संस्था काम करती है, उसे  आईआरडीएआई IRDAI भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण Insurance Regulatory and Development Authority of India कहते हैं. IRDAI की वेबसाइट के अनुसार “भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI), भारत में बीमा क्षेत्र के समग्र पर्यवेक्षण और विकास के लिए संसद के एक अधिनियम, अर्थात, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 (IRDA अधिनियम, 1999) के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है.”

प्रश्न : गंभीर बीमारी किसे कहते हैं?

उत्तर : ऐसी बीमारी जिनके उपचार के लिए अधिक समय लगता है और अधिक देख भाल की अवश्यकता होती है, उन्हें गंभीर बीमारी कहा जाता है. गंभीर बीमारियों के इलाज पर ज्यादा पैसा खर्च होता है.

प्रश्न : आयुष उपचार क्या होता है?

उत्तर : जब उपचार आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी प्रणालियों के अंतर्गत किया जाता है, तब इसे आयुष उपचार कहते हैं.

प्रश्न : क्लेम क्या होता है?

उत्तर : बीमा पर खर्च हुए पैसों को प्राप्त करने के लिए बीमा कम्पनी के पास किये गए रिक्वेस्ट को क्लेम कहते हैं.

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