NPS में आंशिक निकासी के नियमों में केंद्र सरकार की पीएफआरडीए (PFRDA) ने बदलाव कर दिए हैं. ये नए नियम 1 फरवरी 2024 से लागू किए गए हैं. पीएफआरडीए ने अपने मास्टर सर्कुलर संख्या PFRDA/MASTERCIRCULAR/2024/01/CRA-01 दिनांक 12.01.2024 द्वारा आंशिक निकासी के नियमों में व्यापक बदलाव किये हैं. इस मास्टर सर्कुलर में पूर्व में जारी किये गए आंशिक निकासी के समस्त सर्कुलर्स को समाहित किया गया है.
यदि आप भी NPS से पैसा निकालने की सोच रहे हैं, तो आपको नए निकासी नियमों की जानकारी होना बहुत जरूरी है. जिस से आप आसानी से अपना पैसा निकाल सकें.

नए नियमों के अंतर्गत आप अपने अंशदान का 25% धनराशि की निकासी एक बार में कर सकते हैं. यह निकासी पूरे जीवन में अधिकतम तीन बार की जा सकती है.
NPS में आंशिक निकासी की आवश्यकता क्यों?

एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम रिटायरमेंट अथवा अधिवर्षता आयु पूर्ण होने के उपरांत पेंशन देने के लिए केंद्र सरकार की एक योजना है. जिसके अंतर्गत नौकरी करने वाला व्यक्ति अथवा कोई भी आम नागरिक अपने रिटायरमेंट के उपरांत पेंशन प्राप्त करने के लिए अंशदान कर सकता है. हम सभी जानते हैं कि रिटायरमेंट के उपरांत हमारी आमदनी बंद हो जाती है. हमें अपनी जरूरत के लिए पैसों की आवश्यकता होती है. यह आवश्यकता हमें पेंशन से प्राप्त होने वाले पैसों से पूरी हो जाती है.
परन्तु कभी-कभी हमारे जीवन में ऐसे क्षण भी आते हैं जब हमें एकाएक अधिक पैसों की आवश्यकता होती है. जो हमारी मासिक आमदनी से पूरी की जा सकती है. ऐसे में PFRDA ने NPS के अंतर्गत अंशदान करने वाले नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हैं रखते हुए एनपीएस से आंशिक निकासी के कुछ नियम लागू किए हैं. आप बच्चों की उच्च शिक्षा, घर के निर्माण या खरीद, बीमारी के इलाज एवं बच्चों के विवाह आदि के लिए आशिक निकासी कर सकते हैं. जिसके अंतर्गत आप अपने अंशदान की 25% की धनराशि की निकासी कर सकते हैं.
क्या होती है NPS में आंशिक निकासी?
जब आप 60 वर्ष के होने से पूर्व या अधिवर्षता आयु पर पहुंचने से पहले ही एनपीएस में जमा धनराशि को अपनी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निकालना चाहते हैं, तो आप इसे बंद किए बिना अपने एनपीएस खाते में जमा धनराशि में से कुछ धनराशि की निकासी कर सकते हैं. जिसे आंशिक निकासी कहते हैं.
यहां यह बात ध्यान देने वाली है कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ स्वयं द्वारा किये गए अंशदान में से ही आंशिक निकासी कर सकता है. इसके अंतर्गत यदि कोई नौकरी पेशा व्यक्ति है और उसके नियोक्ता द्वारा भी एनपीएस के अंतर्गत अंशदान किया जा रहा है तो नियोक्ता द्वारा अंशदान की गई धनराशि में से कोई भी धनराशि आंशिक रूप से निकली नहीं जा सकती है.
NPS में आंशिक निकासी के लिए पात्रता की शर्तें
एनपीएस योजना के अंतर्गत आंशिक निकासी के लिए वही अंशदान धारक पात्र होगा, जिसने कम से कम 3 साल तक एनपीएस योजना के अंतर्गत अंशदान किया हो. यदि किसी व्यक्ति ने 1 जनवरी 2024 से एनपीएस योजना के अंतर्गत अंशदान जमा करना चालू किया है तो वह व्यक्ति 3 साल बाद अर्थात 1 जनवरी 2027 से आंशिक निकासी हेतु पात्र होगा.
NPS में आंशिक निकासी की संख्या और धनराशि की सीमा
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2004 से नेशनल पेंशन सिस्टम की शुरुआत की थी. लगभग 12 वर्ष बाद अंशधारकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पहली बार मार्च 2016 में पीएफआरडीए ने अपने सर्कुलर संख्या PFRDA/2016/7/Exit/2 दिनांक 21.03.2016 द्वारा आंशिक निकासी की अनुमति प्रदान की थी. जिसके अंतर्गत 10 वर्ष की सदस्यता अवधि दी गयी थी. अर्थात एनपीएस योजना के अंतर्गत आंशिक निकासी के लिए वही अंशदान धारक पात्र होगा, जिसने कम से कम 10 साल तक एनपीएस योजना के अंतर्गत अंशदान किया हो. दो निकासी के बीच 5 वर्ष का समय अन्तराल होना चाहिए.
अब पीएफआरडीए ने अपने सर्कुलर संख्या PFRDA/MASTERCIRCULAR/2024/01/CRA-01 दिनांक 12.01.2024 द्वारा आंशिक निकासी के नियमों में व्यापक बदलाव किये हैं. इसके अंतर्गत:
यह निकासी पूरे जीवन में अधिकतम तीन बार की जा सकती है. इसके अंतर्गत आप अपने अंशदान के 25% की धनराशि की निकासी एक बार में कर सकते हैं. दो आंशिक निकासी के बीच अपने द्वारा किए गए योगदान का केवल 25% ही निकाल सकते हैं.
NPS में आंशिक निकासी के लिए परिस्थितियाँ
केंद्र सरकार की पीएफआरडीए (PFRDA) ने 1 फरवरी 2024 से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आंशिक निकासी की सुविधा प्रदान की है:
- कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चे सहित आपके बच्चों के लिए उच्च शिक्षा के लिए.
- कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चों सहित आपके बच्चों के विवाह के लिए.
- आपके नाम पर या आपके कानूनी रूप से विवाहित जीवनसाथी के साथ एक आवासीय घर या फ्लैट की खरीद या निर्माण के लिए. इस नियम में थोड़ा बदलाव किया गया है. यदि आपके या आपके जीवनसाथी के नाम पर पहले से एक मकान है, तो आप दूसरा मकान खरीदने या निर्माण के लिए इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे.
- आर्टिकल में आगे दी गयीं बीमारियाँ, जिसमें अस्पताल में भर्ती और उपचार शामिल है, आप या आपके कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी, आपके बच्चे (कानूनी रूप से गोद लिए गए लोगों सहित), या आश्रित माता-पिता के लिए.
- अपंगता या अक्षमता से उत्पन्न होने वाले अपने चिकित्सा और आकस्मिक खर्चों को पूरा करने के लिए.
- पीएफआरडीए द्वारा अनुमन्य कौशल विकास या री-स्किलिंग या किसी अन्य स्व-विकास गतिविधियों के लिए अपने खर्चों को पूरा करने के लिए.
- पीएफआरडीए दिशानिर्देशों के तहत अनुमति के अनुसार किसी तरह का कारोबार शुरू करने या स्टार्ट-अप की स्थापना के लिए.
आंशिक निकासी के लिए 14 विशिष्ट बीमारियों को कवर किया गया है, जिसमें जीवन के लिए खतरनाक प्रकृति की अन्य गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं, जैसा कि समय-समय पर पीएफआरडीए द्वारा जारी किए गए परिपत्रों, अधिसूचनाओं या दिशानिर्देशों में उल्लेख किया जा सकता है. इसमे शामिल है:
#1 कैंसर (Cancer)
#2 प्राथमिक फुफ्फुसीय धमनी उच्च रक्तचाप (Primary pulmonary arterial hypertension)
#3 गुर्दे की विफलता (अंत-चरण गुर्दे की विफलता) (Kidney failure (end-stage renal failure))
#4 मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple sclerosis)
#5 प्रमुख अंग प्रत्यारोपण (Major organ transplant)
#6 कोरोनरी रक्तवाहिनी बायपास ग्राफ़्ट (Coronary artery bypass graft)
#7 महाधमनी भ्रष्टाचार सर्जरी (Aorta graft surgery)
#8 हार्ट वाल्व सर्जरी (Heart valve surgery)
#9 आघात (Stroke)
#10 हृद्पेशीय रोधगलन (Myocardial infarction)
#11 प्रगाढ़ बेहोशी (Coma)
#12 कुल अंधापन (Total blindness)
#13 पक्षाघात (Paralysis)
#14 गंभीर या जानलेवा प्रकृति की दुर्घटना (Accident of a serious or life-threatening nature)
नोट: यदि आप ऊपर निर्दिष्ट किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो निकासी अनुरोध आपके परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है।
NPS में आंशिक निकासी निकासी प्रक्रिया
आप अपने आंशिक निकासी के दावे को प्राप्त करने के लिए पीओपी /नोडल कार्यालय को उचित दस्तावेजों के साथ निर्धारित फॉर्म पर निकासी अनुरोध जमा कर सकते हैं. आंशिक निकासी हेतु निर्धारित फॉर्म Form 601-PW है. इस फॉर्म के पेज संख्या 3 पर फॉर्म भरने हेतु विस्तृत निर्देश भी दिए गए हैं. आपकी की सुविधा के लिए निर्देश निम्नवत दिए जा रहे हैं:

अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न FAQs
प्रश्न: NPS क्या है?
उत्तर: केंद्र सरकार ने देश में पेंशन क्षेत्र के विकास और विनियमन के लिए 10 अक्तूबर 2003 को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) स्थापित किया। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी 2004 को सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी। शुरुआती समय में यह योजना सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए ही उपलब्ध थी, परन्तु 2009 के बाद से इस योजना में प्राइवेट क्षेत्र के कर्मचारियों को भी निवेश करने की सुविधा प्रदान की गई. पीएफआरडीए के अनुसार 60 वर्ष की उम्र (रिटायरमेंट) के बाद NPS से कुल मैच्योरिटी की 60 फीसदी रकम एकमुश्त निकालने की सुविधा है, बाकी 40 फीसदी मैच्योरिटी की रकम को एन्युटी प्लान में निवेश करना होता है, जिससे पेंशन मिलती है. अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.
प्रश्न: PFRDA क्या है?
उत्तर: पीएफआरडीए यानी पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) केंद्र सरकार की एक रेगुलेटरी बॉडी है. यह एनपीएस इकोसिस्टम को रेगुलेट करता है. इसका उद्देश्य पेंशन निधि के अभिदाताओं के हितों की रक्षा के लिए पेंशन निधि की स्थापना, विकास और विनियमन द्वारा वृद्धावस्था आय सुरक्षा को बढ़ावा देना है. अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.
प्रश्न: क्या अंशदान की गयी धनराशि पर प्राप्त रिटर्न की भी आंशिक निकासी की जा सकती है?
उत्तर: नहीं.
प्रश्न: अंशदान निकासी का फॉर्म किस पते पर भेजा जायेगा?
उत्तर: अंशदान निकासी का फॉर्म भेजने हेतु पता निम्न है:
NPS Claim Processing Cell, Central Record Keeping Agency, NSDL, 10th Floor, times Tower, Kamala Mills Compound, Senapati Bapat Marg, Lower Parel West, Mumbai- 4000013