हमारी जितनी महीने की तनख्वाह या आमदनी होती है, उसी हिसाब से हमारे खर्च भी होते हैं। हम महीने में जितना पाते या कमाते हैं, लगभग-लगभग पूरा खर्च कर देते हैं। ऐसे में हमारे पास सेविंग या बचत के रूप में एक भी पैसा नहीं बचता है और हमें इमरजेंसी के समय दूसरों के सामने हाथ फैलाना पड़ता है। यह स्थिति लगभग हर इंसान की होती है।
हम यहां पर इस आर्टिकल में ऐसे पांच स्रोतों के बारे में जानेंगे, जहां से हमें साल में महीने की सैलरी के अलावा कहाँ-कहाँ से पैसा मिलता है, जिससे हम आसानी से बचत कर सकते हैं। यह पैसा हमारे महीने की सैलरी से अलग होता है, ऐसी में इस पैसे की हम आसानी से बचत कर सकते हैं और हमारे खर्च भी प्रभावित नहीं होंगे। इस आर्टिकल में ऐसे स्रोतों के बारे में जानेंगें जहाँ से हमें मासिक सैलरी के अलावा पैसा प्राप्त होता है और हम सेविंग नहीं कर पाते हैं।
बोनस से प्राप्त पैसा
हम सभी जानते हैं कि लगभग हर कम्पनी एवं सरकार साल में एक बार बोनस का अनाउंसमेंट अवश्य करती है, जिसके बाद कर्मचारियों को बोनस प्राप्त होता है। सभी को साल में एक बार दिवाली के समय बोनस जरूर मिलता है। यह पैसा हमारी मासिक सैलरी से अलग होता है, जिसकी हम आसानी से बचत कर सकते हैं।
वार्षिक इंक्रीमेंट एवं महंगाई भत्ता (डी ए) से प्राप्त पैसा
हम सभी को साल में एक बार वार्षिक इंक्रीमेंट मिलता है जो लगभग 3% होता है तथा साल में दो बार महंगाई भत्ता मिलता है, जो एक बार में 3% या 4% कुल मिलाकर लगभग 7% के आसपास डी ए मिलता है। इस प्रकार देखा जाए तो हमारी सैलरी साल भर में लगभग 10% बढ़ जाती है।
इस वर्ष हमारे जो खर्चे होते हैं, अगले वर्ष भी लगभग उतने ही खर्चे होते हैं। कहने का आशय यह है कि हमारे खर्च एक साल से दूसरे साल में महंगाई को छोड़कर लगभग समान रहते हैं। ऐसी स्थिति में यदि हम शुरुआत से ही प्लानिंग कर ले अर्थात साल में पहले से ही प्लानिंग कर ले कि हमें जो महंगाई भत्ता एवं वार्षिक इंक्रीमेंट के रूप में 10% की सैलरी की बढ़ोतरी होगी, उसे हम बचत करेंगे। तो इस प्रकार से आप आसानी से बचत कर सकते हैं। आपके ऊपर कोई भार भी नहीं पड़ेगा। जो व्यक्ति बिलकुल बचत नहीं कर पाते हैं और सोचते रहते हैं कि मैं कैसे बचत करूं? उनके लिए बचत शुरु करने का यह सबसे अच्छा तरीका है। वह सभी व्यक्ति जिनको फिक्स्ड सैलेरी मिलती है, उनके लिए बचत करने का सबसे अच्छा तरीका है।
वार्षिक इंक्रीमेंट से प्राप्त एरियर
चाहे सरकारी कर्मचारी हो या प्राइवेट कर्मचारी हो सभी को साल में एक बार इंक्रीमेंट अवश्य मिलता है। यह इंक्रीमेंट वार्षिक इंक्रीमेंट के रूप में प्राप्त होता है। कभी-कभी कर्मचारी का इंक्रीमेंट लगने में समय लग जाता है, तब कर्मचारियों को एरियर के रूप में पैसा मिलता है। यह पैसा भी कर्मचारी की मासिक सैलरी से अलग होता है जिसकी आसानी से बचत की जा सकती है।
महंगाई भत्ता अर्थात डी ए से प्राप्त एरियर
सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ता अर्थात डी ए की घोषणा करती है। घोषणा करने के उपरांत कर्मचारियों को डी ए लागू होने की तारीख से दो-तीन महीने बाद मिलता है। जिसके कारण दो-तीन महीने का पैसा एरियर के रूप में प्राप्त होता है, जो कर्मचारी की मासिक सैलरी से अलग होता है। जिसकी भी आसानी से बचत की जा सकती है।
कर्मचारी के एसीपी तथा प्रमोशन आदि से मिलने वाला एरियर
सामान्य तौर से कर्मचारी के एसीपी तथा प्रमोशन आदि का लाभ विलंब से मिलता है, जो देय तिथि (Due Date) से ही दिया जाता है, जिसके कारण कर्मचारियों को एसीपी तथा प्रमोशन से मिलने वाला लाभ एरियर के रूप में मिलता है। उक्त एरिया भी सैलरी से अलग होता है।
बच्चों को प्राप्त पैसा
सामान्य रूप से घर में बच्चों के बर्थडे, होली, दिवाली एवं अन्य स्रोतों से बच्चों को पैसा प्राप्त होता है। वह पैसा भी घर की मासिक आय या सैलरी से अधिक होता है, जिसकी बच्चों के नाम से बचत आसानी से की जा सकती है तथा भविष्य में जरूरत पड़ने पर उसका सदुपयोग किया जा सकता है। सामान्य रूप से यह देखा गया है कि बच्चों को गिफ्ट के रूप में मिलने वाले पैसे ऐसे ही खर्च हो जाते हैं यदि इनकी बचत की जाये तो निश्चित ही एक बड़ी धनराशि जमा हो जाएगी। इस से बच्चों में बचत की आदत भी विकसित होगी। बच्चों में बचत की आदत कैसे विकसित करें की विस्तार से जानकारी के नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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बच्चों में बचत Savings की आदत डालें ! – niveshworld.com
इस आर्टिकल को पढ़ने वाले बहुत से पाठक ऐसे भी होंगे जो जिन्हें मासिक सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से भी कभी-कभी आय हो जाती है। जैसे कृषि आय से, शेयर में प्राप्त होने वाले डिविडेंड से आय, किसी को दिए गए उधार की वापसी से प्राप्त आय एवं अन्य स्रोतों आदि से प्राप्त होने वाले पैसा भी आपकी मासिक आमदनी या सैलरी से अलग होता है, जिसकी भी आसानी से बचत की जा सकती है।
कभी-कभी ऐसा भी पैसा प्राप्त होता है जिसकी ऊपर जिसका ऊपर विवरण नहीं दिया गया है, परंतु ऐसा पैसा आपकी मासिक आय से अलग होता है। उसकी भी हम आसानी से बचत कर सकते हैं।
“बचत होती नहीं है, करनी पड़ती है !”
उपरोक्त बताए गए बिंदुओं में प्राप्त होने वाली धनराशि या लाभ से प्राप्त पैसा आपकी सैलरी या मासिक आय से अलग होती है, जिसकी हम आसानी से बचत कर सकते हैं। सामान्य तौर से हमारी प्लानिंग या योजना ना होने का कारण वह पैसा सामान्य रूप से खर्चों में ही व्यय हो जाता है और हम उसकी बचत नहीं कर पाते हैं। कभी-कभी खर्चे इतने ज्यादा होते हैं कि उपरोक्त रूप से प्राप्त होने वाले पैसे की हम पूर्व में ही बचत के स्थान पर खर्च की प्लानिंग कर लेते हैं।
यहाँ पर इस आर्टिकल में आय के जो स्रोत दिए गए हैं, उनसे प्राप्त होने वाली धनराशि बहुत कम ही होती है लेकिन जब हम यही छोटी-छोटी धनराशि की लगातार बचत करते हैं तो एक दिन विशाल धनराशि इकट्ठा हो जाती है। कहते हैं कि –
” बूँद-बूँद से सागर बनता है !”
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