दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता HMC की HMIL ने सेबी के पास आईपीओ के लिए आवेदन किया है.यह भारत में 21 वर्ष बाद किसी ऑटोमोबाइल कंपनी द्वारा पेश किए जाने वाला आईपीओ है.

यह आईपीओ भारत का सबसे बड़ा आईपीओ होने वाला है.यह दक्षिण कोरिया के बाहर कंपनी की पहली लिस्टिंग है.

इस आईपीओ के लिए कंपनी ने पृथक से शेयर नहीं जारी किये हैं. कंपनी ऑफर फॉर सेल OFS के माध्यम से 17.5% की हिस्सेदारी बेच रही है. कंपनी आईपीओ में कुल 81.22 करोड़ शेयरों में से 14.2 करोड़ इक्विटी शेयर बेंच रही है.

17.5% की हिस्सेदारी के आधार पर कंपनी 25000 करोड़ से 27000 करोड़ के बीच की धनराशि इस आईपीओ के माध्यम से जुटाएगी.

जारी किए गए शेयर्स में से कम से कम 35% खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (RII) के लिए आरक्षित रखा जाएगा और न्यूनतम 15%गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) के लिए आरक्षित रखा जाएगा.

कंपनी के आईपीओ का उद्देश्य भारत के स्टॉक एक्सचेंज में अपने इक्विटी शेयरों को सूचीबद्ध कर भारत में अपनी दृश्यता और ब्रांड की पहचान को बढ़ाना है, जो कंपनी के business को बढ़ सके.

कंपनी ने इस आईपीओ के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजर के रूप में कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, HSBC सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया), जे.पी.मॉर्गन इंडिया, मॉर्गन स्टेनली इंडिया आदि जैसी कम्पनीज को रखा है. केफिन टेक्नोलॉजीज को रजिस्ट्रार रखा है.

वित्तीय प्रदर्शन में HMIL वित्त वर्ष 24 में यात्री वाहन बिक्री के मामले में मारुति सुजुकी के बाद भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी रही है. वित्त वर्ष 23 में में यह देश में गैर-सूचीबद्ध कार निर्माताओं में सबसे अधिक लाभदायक कंपनी रही है.