SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंड भारत की शीर्ष एएमसी एसबीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा पेश किया जाने वाला एक विशिष्ट म्यूचुअल फंड है.
विश्व Start-ups के दौर से गुजर रहा है. चारों तरफ Start-ups की गूंज और चर्चा है. इन Start-ups का आधार नित नए-नए आने वाले इन्नोवेशंस है. जिनके आधारों पर Start-ups दुनिया में धूम मचा रहे हैं. प्रत्येक क्षेत्र में इन्नोवेशंस हो रहे हैं, जो लोगों के जीवन को सुखमय और आनंदित बना रहे हैं. इन्हीं इन्नोवेशंस का लाभ निवेशकों को दिलाने के लिए एसबीआई म्यूच्यूअल फण्ड ने SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंड 29 जुलाई 2024 से लांच कर रहा है.
SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंड सेक्टर/थीम आधारित NFO फण्ड है. यह NFO फण्ड 29 जुलाई 2024 को खुला है और 12 अगस्त 2024 को बंद होगा. इसके बाद यह NFO अलाटमेंट के बाद 5 से 7 दिन बाद पुनः खुलेगा जिसमे SIP के रूप में या lump sum धनराशि से निवेश कर सकते हैं.
SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंड के बारे में आप विस्तार से इस आर्टिकल में जानेंगें.
SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंड: एक नज़र में
बिंदु | विवरण |
स्कीम का नाम | SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंड |
स्कीम का प्रकार | An Open-Ended Equity Scheme following the Innovation Theme |
थीमेटिक/सेक्टोरल फण्ड | थीम/सेक्टर आधारित |
NFO प्रारम्भ होने का दिनांक | 29 जुलाई 2024 |
NFO बंद होने का दिनांक | 12 अगस्त 2024 |
उपयोगी (Suitable For) | दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि. इस फण्ड का उद्देश्य Innovative Strategies और थीम का लाभ उठाने वाली कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित प्रतिभूतियों में मुख्य रूप से निवेश करके दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि उत्पन्न करना है. |
बेंचमार्क | निफिटी 500 TRI |
फण्ड मैंनेजर | Mr. Dinesh Balachandran |
फण्ड मैंनेजर (Overseas) | Mr. Pradeep Kesavan |
निवेश का Plan | Direct और Regular दोनों |
निवेश के Options | IDCW और Growth दोनों |
लोड | एंट्री लोड: कोई नहीं है. एग्जिट लोड: एक वर्ष में रिडीम/स्विच करने पर 1 % एग्जिट लोड लगेगा और यदि एक वर्ष के बाद रिडीम/स्विच करने पर कोई लोड नहीं लगेगा. रिडीम/स्विच FIFO के आधार पर होगा. |
न्यूनतम निवेश की राशि | Lump sum निवेश: खरीद/स्विच के लिए न्यूनतम निवेश की राशि 5000 रुपये और उसके बाद कोई भी राशि. SIP निवेश : मासिक (Monthly) SIP के लिए न्यूनतम निवेश की राशि 500 रुपये और उसके बाद 1 रूपये के गुणांक की कोई भी राशि है. |
न्यूनतम Additional खरीद धनराशि | न्यूनतम Additional खरीद के लिए न्यूनतम निवेश की राशि 1000 रुपये और उसके बाद कोई भी राशि. |
न्यूनतम रिडीम की धनराशि | रिडीम के लिए न्यूनतम राशि 500 रुपये और उसके बाद कोई भी राशि या खाते में अवशेष धनराशि, जो भी न्यूनतम हो. |
NFO Price | Rs.10/- |
अब आइये SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंडके बारे में विस्तार से जानें:
SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंडमें निवेश का उद्देश्य:
यह फण्ड उन निवेशकों के लिए उपयोगी है जो में लम्बे समय में धन वृद्धि (long term capital appreciation) चाहते हैं. इस फण्ड का उद्देश्य Innovative Strategies और थीम का लाभ उठाने वाली कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित प्रतिभूतियों में मुख्य रूप से निवेश करके दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि उत्पन्न करना है.
लोड:
एंट्री लोड: कोई नहीं है.
एग्जिट लोड: एक वर्ष में रिडीम/स्विच करने पर 1 % एग्जिट लोड लगेगा और यदि एक वर्ष के बाद रिडीम/स्विच करने पर कोई लोड नहीं लगेगा. रिडीम/स्विच FIFO के आधार पर होगा.
न्यूनतम निवेश की राशि:
खरीद/स्विच के लिए न्यूनतम निवेश की राशि 5000 रुपये और उसके बाद कोई भी राशि.
प्रबंधक:
Mr. Dinesh Balachandran और Mr. Pradeep Kesavan.
निवेश रणनीति:
SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND के अंतर्गत निवेश की रणनीति को निम्न 3 बिन्दुओं के द्वारा समझा जा सकता है:
उत्पाद/सेवा नवप्रवर्तक (Product / Service Innovators)
ऐसी कम्पनीज जो नए उत्पाद या सेवाएँ विकसित करती हैं या नए नवाचारों के लिए Research & Development में महत्वपूर्ण निवेश करती हैं. ऐसी कम्पनीज मौजूदा मार्केट को चुनौती देती हैं अथवा नई केटेगरी बनाती हैं.
प्रक्रिया नवप्रवर्तक (Process Innovators)
ऐसी कम्पनीज जो नई प्रक्रियाओं का Innovation करती हैं, संभावित रूप से मौजूदा व्यवसाय मॉडल को बाधित करती हैं और तकनीकी और प्रक्रिया उन्नति के माध्यम से मार्केट में हिस्सेदारी हासिल करती हैं.
नवाचार अनुकूलक (Innovation Adaptors)
ऐसी मौजूदा कम्पनीज जो अपने उद्योग के अंतर्गत Innovative व्यवसाय मॉडल, उत्पादों या सेवाओं के अनुकूल होती हैं, जो Emerging Trends का अनुसरण करती हैं.
जोखिम:
किसी भी क्षेत्र-विशिष्ट फंड की तरह SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND में Innovative क्षेत्र से जुड़े विशिष्ट जोखिम हैं, जैसे कमोडिटी मूल्य में उतार-चढ़ाव, नियामक परिवर्तन और भू-राजनीतिक कारक आदि.
विविधीकरण:
एक विशिष्ट क्षेत्र पर इसके फोकस को देखते हुए, जोखिम प्रबंधन के लिए Innovative क्षेत्र के भीतर विभिन्न उप-खंडों में फंड का विविधीकरण महत्वपूर्ण है.
प्रदर्शन:
कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले पिछले प्रदर्शन, व्यय अनुपात और अन्य फंड मेट्रिक्स का मूल्यांकन करना चाहिए.
SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंडमें निवेश की जरूरत क्यों?
Innovation नए विचारों, प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं को प्रस्तुत कर ग्रोथ को बढाता है. नवाचार को अपनाने वाली कम्पनीज प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करती हैं, जिससे उनके सेक्टर के भविष्य को तय करता है.
ऑटोमोबाइल, एनर्जी, मीडिया और एंटरटेनमेंट, मैन्युफैक्चरिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, एफएमसीजी प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य में लगातार इनोवेशन्स हो रहे हैं, जो निम्नवत हैं:
ऑटोमोबाइल : Electric Vehicles, Self-Drive Cars & Hybrid Vehicles etc.
एनर्जी : Hydrogen, Battery Storage & Grid Integration.
मीडिया और एंटरटेनमेंट : OTT, Digital Content & Ads, Music Streaming.
मैन्युफैक्चरिंग : Robots & Drones, 3D printing & Nanotechnology.
फाइनेंशियल सर्विसेज : UPI, Block chain & Payment Aggregator.
एफएमसीजी: Quick Commerce, Augmented reality & Omnichannel Integration.
प्रौद्योगिकी : Cloud Computing, AI & IoT & Data Centers.
स्वास्थ्य : MedTech, E-Pharmacy & Biotechnology.
उपरोक्त विभिन्न सेक्टर्स में होने वाले इनोवेशन्स की जरूरत को रेखांकित करते हैं.
एसेट एलोकेशन:
SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंड की धनराशि Innovative Strategies और थीम का लाभ उठाने वाली कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में 80 से 100% तथा इसके अलावा अन्य कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी-संबंधित उपकरणों में भी लगेगी. फण्ड का एसेट एलोकेशन का विवरण निम्न तालिका में दिया गया है:
Types of Instruments | Minimum Allocation (% of Net Assets) | Maximum Allocation (% of Net Assets) |
Equity and equity related instruments of companies that seek to benefit from adoption of innovative strategies & theme. (including equity derivatives) | 80 | 100 |
Other equity & equity related instruments (including equity derivatives) | 0 | 20 |
Debt securities (including securitized debt & debt derivatives) and money market instruments including tri-party repos | 0 | 20 |
Units issued by REITs & InvITs | 0 | 10 |
SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND का PORTFOLIO CONSTRUCTION
- इन्नोवेटिव थीम के अंतर्गत आने वाली कंपनी में Net Assets का न्यूनतम 80% का निवेश.
- वैश्विक शेयर्स (Global Stocks) में निवेश करने वाली इन्नोवेटिव थीम के अंतर्गत आने वाली कंपनी में Net Assets का 35% तक का निवेश.
- अपने लेबल के अनुरूप विभिन्न सेक्टरों और मार्केट कैप में डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो निवेश.
- Bottom-up stock selection approach के साथ 35-40 स्टॉक का पोर्टफोलियो बनाने का लक्ष्य है.
- ऐसी कंपनीज में निवेश जो कंपनीज long runway for growth, competitive advantage, potential for generating strong ROE & cashflows आदि की क्षमता रखती हों.
SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND एसबीआई इन्नोवेटिव ऑपर्च्युनिटीज फंड में कौन निवेश कर सकता है?
- वह निवेशक जो आने वाले Trends और Disruptive Business Ideas में निवेश के अवसरों की तलाश में रहता है.
- यह फंड उन निवेशकों के लिए आकर्षक लगेगा जो Forward-Looking Business Ideas और Growth-Oriented Long-Term पोर्टफोलियो में निवेश कर अपनी पूँजी वृद्धि करना चाहते हैं.
- ऐसे निवेशक जो विभिन्न सेक्टर्स और मार्केट कैप में पोर्टफोलियो एलोकेशन के द्वारा डायवर्सिफिकेशन चाहते हैं, उन्हें SBI INNOVATIVE OPPORTUNITIES FUND Emerging Trends और मार्केट में निवेश करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है.
भारतीय INNOVATION को प्रभावित करने वाले कारक
भारतीय INNOVATION को प्रभावित करने वाले कारक निम्न तस्वीर से स्वतः स्पष्ट हैं :
निष्कर्ष:-
भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था (Emerging Economy) में ऑटोमोबाइल, एनर्जी, मीडिया और एंटरटेनमेंट, मैन्युफैक्चरिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, एफएमसीजी प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य में यहाँ पर उपलब्ध विशाल उपभोगता बाज़ार उपलब्ध होने के कारण अनंत संभावनाएं हैं. भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024 25 हेतु पेश किए गए बजट में 9 प्राथमिकताओं में से इनोवेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट भी एक प्राथमिकता है, जो निश्चय ही इस फंड में निवेश को चार चांद लगाएगा.
नोट : निवेशकों के लिए अपने निवेश उद्देश्य, रणनीति, जोखिम कारकों और शुल्कों पर व्यापक जानकारी के लिए SBI एसेट मैनेजमेंट द्वारा प्रदान किए गए फंड के विस्तृत दस्तावेजों जैसे योजना सूचना दस्तावेज़ (एसआईडी) और मुख्य सूचना ज्ञापन (केआईएम) की समीक्षा करना महत्वपूर्ण है.
अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न FAQs
प्रश्न : ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम क्या होती है?
उत्तर : ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम के तहत, एसेट मैनेजमेंट कंपनी दैनिक आधार पर नए निवेशकों को इकाइयां खरीदती और बेंचती हैं। यह निवेशकों के लिए एक आसान निवेश और निर्गम की सुविधा प्रदान करता है. NFO की समय-सीमा समाप्त होने के बाद इन स्कीम की इकाइयों को खरीदा और बेचा जा सकता है.
प्रश्न : NFO क्या होता है?
उत्तर : NFO का पूरा नाम न्यू फंड ऑफर है. यह एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा फंड की नई कैटेगरी लॉन्च करने के लिए सब्सक्रिप्शन ऑफर है. कंपनी सिक्योरिटीज़ खरीदने और नए फंड में जोड़ने के लिए पूंजी जुटाने के लिए NFO जारी करती है.
प्रश्न : लोड क्या होता है?
उत्तर : शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने पर जो चार्ज लगता है, उसे लोड कहते हैं. खरीदने पर एंट्री लोड और बेंचने पर एग्जिट लोड लगता है.
प्रश्न : एसेट एलोकेशन क्या होता है?
उत्तर : फण्ड का पैसा शेयर बाज़ार में जिन विभिन्न सेक्टर की कम्पनीज में लगता है उसे एसेट एलोकेशन कहते हैं.
प्रश्न : एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) क्या है?
उत्तर : AMC वित्तीय बाज़ार में एक ऐसी कंपनी होती जो निवेश के लिए इच्छुक निवेशकों द्वारा दिए गए पैसे को इस प्रकार से मैनेज एवं विभिन्न फाइनेंशियल उत्पादों में निवेश करता है करता है जिससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न प्राप्त हो सके.
प्रश्न : नेट एसेट वैल्यू (NAV) क्या होती है?
उत्तर : किसी फण्ड की वैल्यू को छोटी – छोटी यूनिट्स में विभाजित किया जाता है. ये छोटी छोटी यूनिट्स ही NAV कहलाती हैं. या यूँ कहें कि किसी फण्ड की प्रति यूनिट की कीमत ही NAV होती है.NAV किसी फण्ड के प्रदर्शन को बताता है कि फण्ड अच्छा है या नहीं. इसी के आधार पर फण्ड की शेयर बाज़ार में Popularity का अनुमान लगाया जाता है.
प्रश्न : Allotment की Date के बाद इस फण्ड में निवेश कैसे करें?
उत्तर : यदि आपने NFO की अवधि के दौरान निवेश नहीं किया है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि NFO की Closing Date के 5 से 7 दिनों के बाद आप इसमें सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड की ही तरह से निवेश कर सकते हैं.
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