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HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND से अपने पोर्टफोलियो को एक्सपोर्ट के जहाज पर सवार करें:

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND भारत में अग्रणी म्यूचुअल फंड हाउसों में से एक एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा पेश किया जाने वाला एक थीम आधारित विशिष्ट म्यूचुअल फंड है.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND

Table of Contents

HSBC Mutual Fund का परिचय

HSBC Asset Management Company (AMC) भारत देश में HSBC ग्लोबल की निवेश शाखा है. इसमें HSBC ग्लोबल एवं ICICI प्रुडेंशियल की बराबर अर्थात 50-50 % की हिस्सेदारी है. यह शाखा भारत में म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस आदि से संबंधित कार्य करती है. इसने वर्ष 2004 से कार्य करना प्रारम्भ किया है और वर्तमान में इसने अपने नाम और काम से विश्वभर के निवेशकों को प्रभावित करते हुए आकर्षित किया है.

26 नवम्बर 2022 को एक समझौते के तहत HSBC ने एल एंड टी म्यूच्यूअल फण्ड का अधिग्रहण कर लिया है, जिससे अब एल एंड टी म्यूच्यूअल फण्ड की समस्त योजनाएं एवं फण्ड शेयर बाज़ार में HSBC के नाम से जानी जाती हैं.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND का परिचय

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND एक्सपोर्ट सेक्टर से सम्बंधित थीम आधारित NFO फण्ड है. यह NFO फण्ड 05 सितम्बर 2024 को खुला है और 19 सितम्बर 2024को बंद होगा. इसके बाद यह NFO अलाटमेंट के बाद 30 सितम्बर 2024 से पुनः खुलेगा जिसमे SIP के रूप में या lump sum धनराशि से निवेश कर सकते हैं.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्युनिटी फंड के बारे में आप विस्तार से इस आर्टिकल में जानेंगें.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्युनिटी फंड: एक नज़र में

बिंदुविवरण
म्यूच्यूअल फण्ड हाउसHSBC MUTUAL FUND
स्कीम का नामHSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND
स्कीम का प्रकारAn open-ended equity scheme following export theme
थीमेटिक/सेक्टोरल फण्डएक्सपोर्ट थीम/सेक्टर
NFO प्रारम्भ होने का दिनांक05 सितम्बर 2024
NFO बंद होने का दिनांक19 सितम्बर 2024
Fund Re-opens on30 सितम्बर 2024
उपयोगी (Suitable For)दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि. इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से उन क्षेत्रों/उद्योगों की कम्पनीज की इक्विटी और इक्विटी संबंधित प्रतिभूतियों में निवेश करके दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि उत्पन्न करना है, जिनका निर्यात राजस्व भारत के बाहर से 20% से अधिक है.
बेंचमार्कNifty 500 Total Return Index (TRI)
Scheme Risk-o-meterबहुत ज्यादा (Very High)
Benchmark Risk-o-meterबहुत ज्यादा (Very High)
फण्ड मैंनेजरAbhishek Gupta (Equity)
फण्ड मैंनेजर (Overseas)Sonal Gupta
निवेश का PlanDirect और Regular दोनों
निवेश के OptionsIDCW और Growth दोनों
लोडएंट्री लोड: कोई नहीं है. एग्जिट लोड: 1 वर्ष के भीतर 10% तक रिडीम/स्विच करने पर कोई लोड नहीं लगेगा और 1 वर्ष के बाद रिडीम/स्विच करने पर कोई लोड नहीं लगेगा. 1 वर्ष के अन्दर 10 % से अधिक रिडीम/स्विच करने पर 1 % लोड लगेगा. रिडीम/स्विच FIFO के आधार पर होगा.
न्यूनतम निवेश की राशि       NFO के दौरान Lump sum निवेश खरीद/स्विच के लिए न्यूनतम निवेश की राशि 5000 रुपये और उसके बाद 1 रूपये के गुणांक की कोई भी राशि.
न्यूनतम Additional खरीद धनराशिन्यूनतम Additional खरीद के लिए न्यूनतम निवेश की राशि 1000 रुपये और उसके बाद 1 रूपये के गुणांक की कोई भी राशि.
न्यूनतम रिडीम की धनराशिरिडीम/स्विच के लिए न्यूनतम राशि 500 रुपये और उसके बाद कोई भी राशि या खाते में अवशेष धनराशि, जो भी न्यूनतम हो.
NFO Price         Rs.10/-
एसेट एलोकेशनइस फण्ड की 80 % से 100% की धनराशि मुख्य रूप से Equities & Equity related securities of companies engaged in or expected to benefit from export of goods or services में निवेश की जाएगी.
HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND

अब आइये HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्युनिटी फंडके बारे में विस्तार से जानें:

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्युनिटी फंडमें निवेश का उद्देश्य:

यह फण्ड उन निवेशकों के लिए उपयोगी है जो में लम्बे समय में धन वृद्धि (long term capital appreciation) चाहते हैं. इस ओपन-एंडेड इक्विटी फण्ड का उद्देश्य एक्सपोर्ट थीम/सेक्टर में लगी कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी-संबंधित प्रतिभूतियों में मुख्य रूप से निवेश करके भारत के एक्सपोर्ट थीम/सेक्टर की क्षमता को समृद्ध बनाना है.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND में लोड:

एंट्री लोड: कोई नहीं है.

एग्जिट लोड: 1 वर्ष के भीतर 10% तक रिडीम/स्विच करने पर कोई लोड नहीं लगेगा और 1 वर्ष के बाद रिडीम/स्विच करने पर कोई लोड नहीं लगेगा. 1 वर्ष के अन्दर 10 % से अधिक रिडीम/स्विच करने पर 1 % लोड लगेगा. रिडीम/स्विच FIFO के आधार पर होगा.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND की Investing Style & Approach:

किसी भी फण्ड की वृद्धि इस बात पर विशेष रूप से निर्भर करती है कि उस फण्ड की निवेश स्टाइल और निवेश दृष्टिकोण कैसा है. इस फण्ड की निवेश स्टाइल एवं दृष्टिकोण निम्न प्रकार है :

  1. फण्ड की टीम द्वारा एक्सपोर्ट क्षेत्रों के विकास के चालकों के विश्लेषण के आधार पर निवेश के अवसरों की पहचान करना
  2. निवेश उन क्षेत्रों में फोकस किया जाएगा, जहाँ वस्तुओं या सेवाओं के निर्यात से लाभान्वित होने की संभावना अधिक है. इन क्षेत्रों के आधार पर चुनिंदा स्टॉक का चयन किया जाएगा
  3. व्यवसाय के मूल सिद्धांत
  4. उद्योग संरचना और समकक्षों के बीच सापेक्ष व्यावसायिक शक्ति
  5. प्रबंधन की गुणवत्ता
  6. आर्थिक कारकों के प्रति संवेदनशीलता
  7. कंपनी की वित्तीय मजबूती
  8. आय के प्रमुख कारक
  9. मूल्यांकन पद्धतियाँ जैसे सापेक्ष मूल्यांकन, मौलिक मूल्यांकन,बाज़ार आकार

इस योजना में उन कम्पनीज में निवेश करने की लचीलापन है जो बाजार में एक्सपोर्ट थीम का हिस्सा हैं, अर्थात लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कम्पनीज में निवेश किया जायेगा.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND

निवेश दृष्टिकोण:

फंड विभिन्न प्रकार की निवेश रणनीतियों का उपयोग कर सकता है, जिसमें कंपनी के बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर बॉटम-अप स्टॉक चुनना और एक्सपोर्ट क्षेत्र के अवसरों को भुनाने के लिए टॉप-डाउन क्षेत्रीय विश्लेषण शामिल है.

जोखिम:

किसी भी क्षेत्र-विशिष्ट फंड की तरह, एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्चुनिटीज फंड में एक्सपोर्ट क्षेत्र से जुड़े विशिष्ट जोखिम हैं, जैसे कमोडिटी मूल्य में उतार-चढ़ाव, नियामक परिवर्तन और भू-राजनीतिक कारक आदि.

सेक्टर विशिष्ट:

इस फंड में रुचि रखने वाले निवेशकों को एक्सपोर्ट क्षेत्र की संभावनाओं पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए और संबंधित जोखिमों के लिए तैयार रहना चाहिए.

डायवर्सिफिकेशन:

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND में डायवर्सिफिकेशन का विशेष ध्यान रखा गया है. यू एस एवं यूरोप के अतिरिक्त Africa, Latin America, and Southeast Asia के बाज़ारों पर विशेष फोकस किया गया है. उक्त के अतिरिक्त निम्न पर भी विशेष फोकस है :

  • Diversification of Export Markets
  • Promotion of Manufacturing
  • Trade Agreements
  • Focus on High-Value Sectors
  • Resilient Supply Chains
  • Sustainability and Green Exports

प्रदर्शन:

कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले पिछले प्रदर्शन, व्यय अनुपात और अन्य फंड मेट्रिक्स के साथ ही साथ निवेश रणनीतियों का मूल्यांकन किया जाना अवशयक है.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND में निवेश की जरूरत क्यों?

भारतीय अर्थव्यवस्था विकास, इमर्जिंग थीम्स और संभावनाओं का एक आकर्षक मिश्रण है. भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में जीडीपी के आधार पर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समता के हिसाब से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

भारत को अपनी विशाल जनसंख्या के कारण उपभोग-उन्मुख अर्थव्यवस्था से भी लाभ मिलता है. भारत  पिछले कुछ वर्षों में समृद्ध डेमोग्राफिक डिविडेंड प्राप्त कर रहा है.  एक्सपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है. निर्यात में वृद्धि सराहनीय रही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक्सपोर्ट 783 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है, जो 15 साल पहले मात्र 295 बिलियन डॉलर था. अर्थव्यस्था की वर्तमान ग्रोथ के कारण भविष्य में में एक्सपोर्ट और अधिक वृद्धि करेगा.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND में निवेश का महत्त्व

आज भारत एक्सपोर्ट के क्षेत्र में विश्व में टॉप 10 देशों में स्थान रखता है. एक्सपोर्ट देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देता है. इससे देश के नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर हासिल करने में मदद मिलती है. एक्सपोर्ट के लिए वस्तुओं की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी पैदा करती है एवं विदेशी मुद्रा भी आकर्षित करती है. इस मुद्रा का उपयोग देश के बाहरी दायित्वों को पूरा करने के लिए किया जाता है. यह आपके पोर्टफोलियो के लिए एक्सपोर्ट को एक अच्छा अवसर के रूप में प्रस्तुत करता है.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND का एसेट एलोकेशन:

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND की धनराशि मुख्य रूप से उन क्षेत्रों/उद्योगों की कम्पनीज की इक्विटी और इक्विटी संबंधित प्रतिभूतियों में निवेश की जाएगी, जिनका निर्यात राजस्व भारत के बाहर से 20% से अधिक है. फण्ड का एसेट एलोकेशन का विवरण निम्न तालिका में दिया गया है:

Types of InstrumentsMinimum Allocation (% of Net Assets)Maximum Allocation (% of Net Assets)
Equities & Equity related securities of companies engaged in or expected to benefit from export of goods or services80100
Other equity and equity related securities020
Debt Securities & Money Market instruments (including Cash & cash equivalents, units of Liquid and Overnight mutual funds)020
Units issued by REITs & InvITs010
HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND के एक्सपोर्ट सेक्टर में शामिल क्षेत्र

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND

इंडिया के एक्सपोर्ट सेक्टर में शामिल प्रमुख क्षेत्र:

  1. # Engineering Goods.
  2. # Petroleum Products.
  3. # Gems & Jewellery.
  4. # Organic & Inorganic Chemicals.
  5. # Electronic Goods.
  6. # Drugs & Pharmaceuticals.
  7. # Readymade Garments.

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्युनिटी फंड में किसे निवेश करना चाहिए?

HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND में निम्न प्रकार के निवेशक निवेश कर लाभ कमा सकते हैं:

ऐसे निवेशक जो अपने पोर्टफोलियो में विविधता Diversification लाने के लिए नए फील्ड/ सेक्टर में ध्यान केन्द्रित कर निवेश से लाभ कमाना चाहते हैं, उनके लिए यह थीम/सेक्टर आधारित NFO बहुत ही अच्छा है.

बहुत से निवेशक ऐसे होते हैं जो एक्सपोर्ट सेक्टर में लगी हुई कंपनियों में ही निवेश करना चाहते हैं उनके लिए भी यह NFO बहुत अच्छा है.

उपरोक्त के अतिरिक्त वे निवेशक जो भारत की विकास यात्रा में भागीदार बनकर लाभ कमाना चाहते हैं.

निष्कर्ष:-

एक्सपोर्ट किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. जिस देश का एक्सपोर्ट जितना अधिक होगा उस देश की अर्थव्यवस्था उतनी ही अच्छी होगी. अच्छा एक्सपोर्ट एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था का प्रमुख संकेतक है.

भारत की अर्थव्यवस्था का हर क्षेत्र अपनी नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तत्पर है. भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था (Emerging Economy) में एक्सपोर्ट सेक्टर में रिकॉर्ड स्तर की वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं. भारत का एक्सपोर्ट सेक्टर समग्र रूप से उछाल के शिखर पर है. भारत का एक्सपोर्ट सेक्टर वर्तमान में सरकारी नीतियों से प्रेरित है।

एक्सपोर्ट एक ऐसा सेक्टर है जो अर्थव्यवस्था से बहुत नजदीक से सम्बन्ध रखता है. यह बहु-दशकीय सेक्टर है और यह कोई त्वरित चक्र नहीं है और इसलिए HSBC INDIA EXPORT OPPORTUNITIES FUND के माध्यम से लाभ कमाने के इच्छुक निवेशकों को कम से कम 5 से 7 साल तक निवेशित रहना जरूरी है.

अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न FAQs

प्रश्न : एक्सपोर्ट अपॉर्च्युनिटी फंड क्या होते हैं?

उत्तर : ऐसा फण्ड जो मुख्य रूप से एक्सपोर्ट सेक्टर की कम्पनीज में निवेश के लिए बनाया गया हो तथा इस फण्ड के अंतर्गत जमा होने वाली धनराशि एक्सपोर्ट सेक्टर की कम्पनीज में निवेश की जाती है.

प्रश्न : ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम क्या होती है?

उत्तर : ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम के तहत, एसेट मैनेजमेंट कंपनी दैनिक आधार पर नए निवेशकों को इकाइयां खरीदती और बेंचती हैं। यह निवेशकों के लिए एक आसान निवेश और निर्गम की सुविधा प्रदान करता है. NFO की समय-सीमा समाप्त होने के बाद इन स्कीम की इकाइयों को खरीदा और बेचा जा सकता है.

प्रश्न : NFO क्या होता है?

उत्तर : NFO का पूरा नाम न्यू फंड ऑफर है. यह एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा फंड की नई कैटेगरी लॉन्च करने के लिए सब्सक्रिप्शन ऑफर है. कंपनी सिक्योरिटीज़ खरीदने और नए फंड में जोड़ने के लिए पूंजी जुटाने के लिए NFO जारी करती है.

प्रश्न : लोड क्या होता है?

उत्तर : शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने पर जो चार्ज लगता है, उसे लोड कहते हैं. खरीदने पर एंट्री लोड और बेंचने पर एग्जिट लोड लगता है.

प्रश्न.एंट्री लोड क्या होता है?

उत्तर: कोई निवेशक जब पहली बार म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट्स खरीदता है, तो म्यूच्यूअल फण्ड हाउस उस निवेशक से प्रोसेसिंग हेतु जो शुल्क चार्ज किया जाता है उसे एंट्री लोड कहा जाता है. सामान्य तौर से एंट्री लोड शून्य ही रहता है.

प्रश्न.एग्ज़िट लोड क्या होता है?

उत्तर:कोई निवेशक जब म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट्स बेंचता है, तो म्यूच्यूअल फण्ड हाउस उस निवेशक से प्रोसेसिंग हेतु जो शुल्क चार्ज किया जाता है उसे एग्जिट लोड कहा जाता है. एग्जिट लोड तब भी चार्ज होता है जब आप उसी कंपनी की किसी दूसरी योजना या फण्ड में अपना पैसा स्विच करते हैं.

प्रश्न : एसेट एलोकेशन क्या होता है?

उत्तर : फण्ड का पैसा शेयर बाज़ार में जिन विभिन्न सेक्टर की कम्पनीज में लगता है उसे एसेट एलोकेशन कहते हैं.

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